जनजीवन ब्यूरो / कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. ममता ने कहा कि रमजान का महीना चल रहा है और केंद्र सरकार एकतरफा तरीके से निर्णय ले रही है कि लोग क्या खाएंगे और क्या नहीं. क्या बेचा जाएगा और क्या नहीं बेचा जाएगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं शाकाहारी हूं और यह मानती हूं कि पेड़ों में भी जीवन होता है. फिर हमें पेड़ भी नहीं काटना चाहिए. साथ ही हम गौ माता का भी सम्मान करते हैं.’
केंद्र सरकार के पशु वध प्रतिबंध को ममता बनर्जी असंवैधानिक बताया. और कहा कि केंद्र सरकार से गुजारिश है कि राज्य के मामलों में दखल न दे.
इसके साथ ही उन्होंने लालबत्ती के मसले पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार यह निर्णय करेगी कि किसे लालबत्ती दी जाए और किसे नहीं. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के फैसले पर आपत्ति जताई है. हालांकि इस दौरान ममता बनर्जी ने कोलकाता के इमाम बरकती के मामले का जिक्र नहीं किया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पशु बाजारों में वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर रोक लगा दी है. इस फैसले के विरोध में विरोध केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में कड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. केरल के कुन्नूर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से गौवंश का वध कर डाला.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने सरकार के इस आदेश की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि रमजान के महीने में ही यह फैसला क्यों लिया गया।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के वध के लिए गोवंश बिक्री पर बैन संबंधित फैसले का विरोध करते हुए कहा, ‘न तो हम इसे स्वीकार करने वाले हैं और न ही हम इसके लिए बाध्य हैं। यह असंवैधानिक है। यह ऐसी सरकार है जो गाय के लिए आधार कार्ड चाहती है। क्या खाना है क्या नहीं, यह सरकार निर्धारित नहीं करेगी।’