जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ : बीजेपी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 6 आरोपियों के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा सीबीआई की विशेष अदालत में चलेगा। बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ आरोपों को खारिज करने वाली याचिका कोर्ट में नामंजूर कर दी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।
भारी सुरक्षा के बीच आज लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में आडवाणी, ऋतम्भरा, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और विष्णु हरी डालमिया के हाज़िर होते ही कोर्ट ने इन्हें आपराधिक साजिश (120 बी) के आरोप में न्यायिक हिरासत में लिया। बचाव पक्ष के वकील ने सभी की जमानत अर्जी दाखिल की और कोर्ट ने सभी की जमानत मंज़ूर कर ली।
बचाव पक्ष ने दलील दी कि मुल्ज़िमो पर 120बी का आरोप नहीं बनता है। सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। वही सीबीआई की ओर से इस दलील का विरोध किया गया। आडवाणी, जोशी, उमा, कटियार, डालमिया और साध्वी पर एक मामले में आरोप तय हो गए है जबकि जबकि दूसरे मामले में महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, महंत धर्म दास और सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को निर्देश दिया था कि आडवाणी (89), जोशी (83) और उमा (58) के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई रोजाना कराने और दो साल में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीजेपी नेता कल्याण सिंह जब तक राज्यपाल के पद पर हैं, उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उसी समय ढांचा ढहाया गया था। न्यायालय ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और तीन अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनउ स्थानांतरित करने का आदेश दिया ताकि ढांचा ढहाये जाने के मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।