जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच छह महीने हो जाएगी. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्रीय लोक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 में संशोधन किया है। साथ ही जांच के महत्वपूर्ण चरणों और जांच प्रक्रियाओं के लिए समय सीमा का फैसला लिया है.
संशोधित नियम कहते हैं कि जांच प्राधिकरण को छह महीने के अंदर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंप देनी चाहिए. इसमें कहा गया कि हालांकि अनुशासनात्मक प्राधिकरण द्वारा लिखित में अच्छा और पर्याप्त कारण बताये जाने पर अधिकतम छह माह का जांच विस्तार दिया जा सकता है.
इससे पहले जांच पूरी करने के लिए कोई समय-सीमा नहीं होती थी. नया नियम अखिल भारतीय सेवाओं (भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेना (आईएफओएस)) और कुछ अन्य श्रेणियों के अधिकारियों को छोड़ कर सभी श्रेणी के कर्मचारियों पर लागू होगा.