जनजीवन ब्यूरो / अमृतसर । ऑपरेशन ब्लूस्टार की 33वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को स्वर्ण मंदिर परिसर में खलिस्तान के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई है। बच्चे नारे लगा रहे थे और उनके हाथों में 1984 का मंजर कभी नहीं भूल सकते की तख्तियां थी। बरसी के चलते पूरे पंजाब, खासतौर पर अमृतसर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
खालिस्तान जिंदाबाद के नारों और नंगी तलवारों को लहराते हुए अलगाववादी संगठन घल्लूघारा दिवस मना रहे हैं। श्री अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को संगत ने नहीं दिया। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के दरवाजे बंद कर संदेश पढ़ा। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर मान समर्थकों ने श्री अकाल तख्त पर लगे को तोड़ दिया। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
इससे पूर्व एसजीपीसी टास्क फोर्स ने सिख संगठनों को श्री अकाल तख्त के बिल्कुल सामने आने से रोका तो संगठनों व टास्क फोर्स के बीच तीखी झड़प हुई। बाद में सिख संगठनों के लोगों को सिविल पुलिस और टास्क फोर्स ने घेरा और वहां से दूर किया। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
दमदमी टकसाल के बाबा हरनाम सिंह खालसा, अकाली दल अमृतसर के प्रमुख सिमरतजीत सिंह मान, दल खालसा के कवर पाल सिंह बिट्टू अकाल तख्त साहिब परिसर में पहुंच चुके हैं। श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास शुरू हो चुकी है। अकाल तख्त परिसर व शहरभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अमृतसर सहित राज्य के अन्य जिलों में अद्र्ध सैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं।