जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस ने आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मोदी सरकार टेलिविजन पर तो हीरो है, लेकिन जमीनी स्तर पर जीरो हैं।
कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक की जानकारी देते हुए आजाद ने कहा कि 3 साल NDA की सत्ता के पूरे हो गए। NDA चाहे कितनी ही खुशियाँ मनाएं, सरकारी पैसे का कितना ही दुरुपयोग करके, खुशियाँ मनाने के लिए सरकारी बजट का कितना ही इस्तेमाल करें, चाहे 24 घंटे टेलिविजन पर सारा मंत्रीमंडल अपने आपको बधाई देता रहे, लेकिन देश की जनता के लिए ये 3 साल निहायत ही निराशाजनक रहे हैं। इन 3 सालों में NDA की सरकार ने देश को डर, खौफ के अलावा कुछ नहीं दिया। ये डर, खौफ किसी एक व्यक्ति या विपक्ष की सरकारें तोड़ने तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इस देश के अंसख्य दलित, नौजवान, महिलाएं, अल्पसंख्यक इस डर और खौफ का शिकार हुए हैं। मीडिया जो सरकार की लाईन too तो नहीं करती, उसका नमूना 24 घंटो में हमने देखा और वैसे 3 साल से जो दबे हुए हैं, वो कह तो नहीं रहे, लेकिन सब देख ही रहे हैं, उसकी नग्नता। जहाँ लाखों, करोड़ों रुपए बैंक का बकाया कई लोगों के पास है, इनके मित्रों के पास है, उससे हिंदुस्तान के सरकारी बैंकों का नुक्सान नहीं हुआ, लेकिन एक टेलिविजन चैनल के लगभग 50 करोड़ एक प्राईवेट बैंके के डिस्प्यूट के साथ हिंदुस्तान की सरकार हिल गई, ऐसा उन्होंने दिखाने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि दलितों के साथ क्या हो रहा है, सहारनपुर में देखा, रोज देख रहे हैं। अल्पसंख्यकों के साथ क्या हो रहा है, पिछले 3साल से देख रहे हैं। बहनों, बेटियों के साथ क्राईम में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है, उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है इस NDA की सरकार में। ये सरकार एक स्लोगन के साथ आई थी- सबका साथ सबका विकास, लेकिन उसका बिल्कुल उल्टा इस सरकार ने किया। ये बस नारों और पब्लिसिटी की सरकार है।
नौजवानों के साथ सबसे ज्यादा धोखा हुआ। करोड़ों नौजवान काम मांगते हैं, उनसे वायदा किया था चुनाव में कि 5 साल में 10 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जाएंगे और 1 साल में 2 करोड़। नया रोजगार तो किसी को मिला नहीं, लेकिन जो करोड़ों लोग हैं, ऑरगेनाईजड और अन-ऑरगेनाईजड सेक्टर में, खासतौर से इन्फ्रास्ट्रक्चर और कन्स्ट्रक्शन में काम करने वाले, मजदूर से लेकर कारपेंटर तक, आज वो बेरोजगार हो गए। इन्होंने उल्टा पहले चलता इम्पलोईमेंट था, वो खत्म कर दिया और नया जीरो।
किसानों की जो हालत हो गई है, CWC ने किसानों के साथ अपनी पूरी सहानुभूती प्रकट की। यूपीए सरकार किसानों की हमदर्द थी इसलिए उत्पादन बढ़ता था। NDA सरकार ने संसद के चुनाव में वायदा किया था कि उनको जो भी उत्पादन करने में पैसा लगता है उसके उपर 50 प्रतिशत फायदा देंगे, उसका MSP बढाया जाएगा। लेकिन वो तमाम वायदे झूठे निकले। इस साल साढ़े 12 हजार किसान आत्महत्या करते हैं। पूरे देश में किसानों में अफरा-तफरी है। कहीं सूखा है साउथ में और कहीं किसान आत्महत्या कर रहे हैं। आज भी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के अंदर प्रदर्शन बड़े पैमाने पर चल रही हैं, जहाँ भाजपा की सरकार है और सरकार उनसे सहानुभूती दिखाने के बजाए उन पर लाठी चार्ज करती है, जुल्म करती है।
इन 3 सालों में कीमतें आसमान को छू रही हैं। पूरी दुनिया में पैट्रोल की कीमते गिर गई हैं, क्रूड ऑयल की वजह से लेकिन लोगों को फायदा नहीं दिया।
नवंबर में ये NDA सरकार अपने आपको शाबाशी देने के लिए नोटबंदी की स्कीम लाए। कांग्रेस पार्टी ने संसद के अंदर और बाहर, देश के पूरे विपक्ष ने संसद के अंदर और बाहर, हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी और भूतपूर्व फाईनेंस मिनिस्टर ने संसद में बताया था कि इससे भारत की GDP पर और इक्नोमी पर बहुत ज्यादा असल पड़ेगा। लेकिन सरकार ने इन तमाम बातों को नकार दिया था और आज एक साल के ही अंदर देश को मानना पड़ा कि GDP का कितना नुक्सान हुआ है और हमारे देश को कितना नुकसान हुआ है इन 3 सालों में। नौकरियाँ खत्म हो रही हैं, इन्डस्ट्रीयल प्रोडक्शन कम हो गई, बेरोजगारी बढ़ गई हैं, पढ़े लिखे नौजवान और जो पढ़ रहे हैं उनके सामने निराशा के अलावा कुछ नहीं है। NDA सरकार ने किसानों, मजदूरों, नौजवानों, गरीबों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्गों, मीडिल क्लासिस के साथ जो सुलूक किया है वो शायद NDA और बीजेपी को आँखों पर सत्ता के नशे के काले चश्मे की वजह से दिखाई नहीं देता है।
सरकारी मशीनरी का इतना दुरुपयोग दुनिया में शायद किसी ने नहीं किया होगा, उतना इन 3 सालों में सरकारी मशीनरी का भयावह दुरुपयोग लोगों को ड़राने में, धमकाने में किया। Voice of dissent चाहे वो प्रिंट मीडिया हो, इलैक्ट्रोनिक मीडिया है, उस Voice of dissent को ये सरकार बर्दाशत नहीं करती है। ऐसा लगता है कि ये सरकार लोकतंत्र को ही नहीं मानती है।
कश्मीर पर CWC मीटिंग में चर्चा हुई। जहाँ सरकार ने जो नीति कश्मीर को लेकर बनाई है वो confrontation और Alienation की नीति है। हमारे जवान रोज मारे जाते हैं। आर्मी के जवान, BSF के जवान, CRPF के जवान, पुलिस के जवान, सिविलियन मारे जा रहे हैं, उसमे बच्चे हैं, नौजवान हैं या बूढें हैं। ये जो Alienation की पॉलिसी है ये सरकार की गलत पॉलिसी है। कब तक हमारे चाहे फौज के जवान हों या सिविलियन हों, मरते रहेंगे। जब सरकार बनी थी PDP और बीजेपी की, उस वक्त इन्होंने देश को आश्वासन दिया था, लोकसभा के चुनाव में आश्वासन दिया था। लेकिन यूपीए की सरकार थी और जो Coalition उस वक्त कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेस की सरकार में, उस वक्त हालात शांति की तरफ थे, अमन की तरफ थे कश्मीर में। इसलिए कश्मीर फ्रंट पर NDA सरकार पूरी तरह से असफल और नाकाम साबित हुई है।