जनजीवन ब्यूरो / मंदसौर. मध्य प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन हिंसक रूप लेता जा रहा है. मंदसौर में प्रदर्शन के दौरान हुए फायरिंग में दो किसानों की मौत हो गई. आज प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 6 किसानों को गोली लगी, जिसमें एक की मौत मौके पर ही हो गई. गंभीर रूप से घायल दूसरे किसान ने बाद में दम तोड़ दिया. कर्ज माफी और सब्जी-फलों के दाम बढ़ाए जाने को लेकर किसानों का आंदोलन 1 जून से चल रहा है.
फायरिंग में कन्हैया लाल सहित दो किसानों की मौत हो गई. पांच किसान घायल हुए हैं जिसमें एक की हालत गंभीर थी जिसने बाद में दम तोड़ दिया. पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन हिंसक रूप लेता जा रहा है. किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ को अंजाम दे रहे हैं. आज इसने गंभीर रूप ले लिया जिसके बाद किसी ने इन पर गोली चला दी. पुलिस का कहना है कि उसने किसानों पर गोली नहीं चलाई है.
इस घटना के बाद मंदसौर में चार जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर किसी तरह की फायरिंग नहीं हुई है.
चार जून को खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में किसानों ने विभिन्न मांगों को पूरा करने का राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद अपना आंदोलन आज वापस ले लिया. आंदोलन वापस लिए जाने से पहले सीहोर और रतलाम जिलों सहित कई स्थानों में आज भी हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें आंदोलनकारियों के पथराव से 11 पुलिसकर्मी एवं एक तहसीलदार घायल हो गए.
तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा था, ‘‘मुझे खुशी है कि मध्यप्रदेश में किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती रहेगी.’’ मध्यप्रदेश के किसानों ने अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की थी.
चौहान ने ट्वीट किया कि तीन-चार दिन में आठ रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्याज की खरीद शुरू हो जाएगी और इस महीने के अंत तक जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘गर्मियों में, सरकार मूंग की दाल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.’’ उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की भी घोषणा की.