जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने सरकारी कामकाज को लेकर कड़ा प्रहार किया है. नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र नहीं कुतंत्र है. दशकों से सरकारी वावू दफ्तर नहीं आए और उन्हें वेतन मिलता रहा. पूर्व सांसद सरकारी आवास छोड़ना नहीं चाहते और मजबूर करने पर कोर्ट चले जाते हैं. अपने मंत्रालय के तीन साल के कामकाज का लेखाजोखा देते हुए वेंकैया ने कहा कि सरकार किसी भी अखबार को बंद कराना नहीं चाहती है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में एक वावू की नियुक्ति शहरी विकास मंत्रालय में हुई थी लेकिन दुखद बात यह है कि वह वावू कभी दफ्तर नहीं आए. अब जब सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है तब वह मुझसे आकर मिले. नायडू ने कहा कि इसी तरह एक अधिकारी अमेरिका में दशकों से बिना किसी सूचना के बैठे हुए हैं. लेकिन पिछली सरकार ने कभी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
नायडू ने नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि वर्षों पहले रहे कई सासंद अबतक सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए हुए बैठे थे. ऐसे नेताओं को जब मकान खाली करने के लिए ऩोटिस दिया गया तो उन्होंने कार्ट जाने की धमकी दे डाली, लेकिन ऐसे नेताओं को किसी भी तरह से बक्सा नहीं जाएगा.