जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। कांग्रेस के अंदरखाने राहुल गांधी की टीम बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि राहुल जल्द ही कई नियुक्तियां पर अपनी मुहर लगा देंगे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है। कई युवाओं को कमान सौंपने की तैयारी हो रही है। नई पीढ़ी के नेताओं में योग्यता के बावजूद एक व्यक्ति को ज्यादा भाव नहीं मिल रहा है। वह हैं ज्योतिरादित्य सिधिया। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि राहुल गांधी की टीम में उनकी क्या हैसियत है इस पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्या सिधिया की वफादारी पर शक है या कोई और बात।
राहुल के लिए सबसे ज्यादा परेशानी पंजाब में पैदा हो रही है। कैप्टन अमरिदर सिह राहुल विरोधी कैंप में माने जाते हैं। राहुल गांधी कैप्टन की सुनने को तैयार नहीं है। छुट्टी से लौटने के बाद कुछ बदले हुए से लग रहे हैं। इस हफ्ते राहुल गांधी पंजाब के दौरे पर थे। लोकसभा में पार्टी के उपनेता कैप्टन अमरिदर सिह उन्हें लेने नहीं आए। इतना ही नहीं उनकी मौजूदगी में बाजवा विरोधी नारे लगे। प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिह बाजवा राहुल गांधी की पसंद माने जाते हैं। लेकिन बाजवा और कैप्टन की लड़ाई में मलाई लुधियाना से लोकसभा के सदस्य रवनीत सिह बिट्टू के हिस्से आने वाली है। राहुल गांधी कैप्टन को किसी भी सूरत में प्रदेश अध्यक्ष बनाने को तैयार नहीं हैं। जबकि पंजाब में आज की स्थिति में अगर कोई कांग्रेस को सत्ता में वापस ला सकता है तो वह कैप्टन ही हैं।
कांग्रेस में राहुल के करीब इस समय दीपेंदर सिह हुडा और सचिन पायलट का भाव गिरा है। जयराम रमेश को समझ में नहीं आ रहा है कि राहुल गांधी आखिर उनकी क्यों उपेक्षा कर रहे हैं। जबकि किसान रैली की तैयारियों में उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के लिए लम्बे समय से समस्या का कारण बना हुआ है। 2०12 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई थी लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। निर्मल खत्री को पार्टी पुराने सामान से निकाल कर लाई और अध्यक्ष बना दिया। न कुछ होना था और न हुआ। राहुल गांधी अब उत्तर प्रदेश की कमान जितिन प्रसाद को सौंपना चाहते हैं। सचिन पायलट पहले ही राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं।