जनजीवन ब्यूरो / भोपाल . चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री और विधायक नरोत्तम मिश्रा के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है. आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नरोत्तम मिश्रा अब हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे. संवाददाताओं से मिश्रा ने कहा कि मैं सदस्य रहूंगा या नहीं चुनाव आयोग ने इसका उल्लेख नहीं किया है और न हीं मुझे कोई आदेश मिला है.
उन्होंने कहा कि यह वर्तमान का चुनाव नहीं है, यह 2008 का चुनाव है. इसके बाद मैंने 2013 फिर चुनाव लड़ा था, जिसके बाद वापस विधायक बना. फैसला लेने से पहले मेरे पक्ष को नहीं देखा गया.
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने नैतिकता के आधार पर नरोत्तम मिश्रा ने इस्तीफा मांगा है. मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने ट्वीट कर उन्हें तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. उधर कुछ नेताओं का कहना है कि अगर मंत्री अपना इस्तीफा नहीं दे रहे तो सीएम शिवराज सिंह चौहान को उन्हें हटा देना चाहिए.
गौरतलब है कि 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा पर लगे पेड न्यूज के मामले में यह फैसला सुनाया गया. इसके बाद नरोत्तम मिश्रा का मंत्री पद और विधायकी दोनों चली जाएगी. अब वे तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगया था और धारा 10 ए के तहत चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी. पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी.
चुनाव आयोग ने इस मामले को लेकर नरोत्तम मिश्रा को जनवरी 2013 में नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाय था. चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट की युगल खंडपीठ में याचिका दायर की थी. इस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने मिश्रा का चुनाव शून्य घोषित कर दिया.