जनजीवन ब्यूरो / बीजिंग :अब आज चीन ने कहा कि वह सिक्किम सेक्टर में सीमा पर तनातनी के बाद सुरक्षा हालात के आधार पर अपने नागरिकों के लिए यात्रा चेतावनी जारी करने के अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है. चीन की आधिकारिक मीडिया ने अपने संपादकीय में सिक्किम के डोका ला सेक्टर से भारतीय सैनिकों को सम्मान के साथ बाहर चले जाने को कहा है. चीन के अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत को कड़ा सबक सिखाना चाहिए. एक अन्य सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने लिखा है कि भारत को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘चीन सरकार संबंधित देशों के सुरक्षा हालात के अनुरूप विदेशों में चीनी नागरिकों की सुरक्षा एवं कानूनी अधिकार तथा हितों को बेहद महत्व देती है. ‘ ‘
उन्होंने चीनी मीडिया में आए भारत में चीनी निवेशकों को आगाह करने वाले लेखों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘ ‘हम फैसला करेंगे कि यात्रा संबंधी चेतावनी जारी की जाए या नहीं.’ ‘ कल एक शीर्ष सरकारी अखबार ने भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों से सावधान रहने और चीनी विरोधी भावनाओं का शिकार होने से बचने के लिए कदम उठाने को कहा था.
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत अगर चीन के साथ अपने सीमा विवादों को और हवा देता है तो उसे 1962 से भी गंभीर नुकसान झेलना पड़ेगा. अखबार ने लिखा कि डोका ला इलाके में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध जारी है और भारत को कड़ा सबक सिखाना चाहिए.
अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘हमारा मानना है कि चीनी सरजमीन से भारतीय सैनिकों को निकाल बाहर करने के लिए चीन की ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ पर्याप्त रूप से सक्षम है. भारतीय सेना पूरे सम्मान के साथ अपने क्षेत्र में लौटने का चयन कर सकती है या फिर चीनी सैनिक उन्हें उस इलाके से निकाल बाहर करेंगे.’ संपादकीय में लिखा है, इस मुद्दे से निपटने के लिए राजनयिक और सैन्य अधिकारियों को हमें पूरा अधिकार देने की आवश्यकता है. हमलोग चीनी समाज से इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय एकता बनाए रखने का आह्वान करते हैं. अगर पेशेवरों को भारत के खिलाफ लड़ना हो और हमारे हितों की रक्षा करनी पड़ी तो चीनी लोग जितने एकजुट रहेंगे, भारत के खिलाफ लड़ाई में उन्हें उतने बेहतर हालात मिलेंगे. इस वक्त निश्चित रूप से हमें भारत को कड़ा सबक सिखाना चाहिए.
संपादकीय में कहा गया है कि अगर भारत यह मानता है कि उसकी सेना डोंगलांग इलाके में फायदा उठा सकती है और वह युद्ध के लिये तैयार हैं तो हमें भारत को यह कहना पड़ेगा कि चीन उनकी सैन्य ताकत को तुच्छ समझता है. अखबार ने भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत की उस टिप्पणी का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ‘ढाई मोर्चे’ पर युद्ध के लिये तैयार है.
चीनी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा भारतीय सेना के बंकर ध्वस्त करने के बाद वहां छह जून से गतिरोध जारी है. चीन का दावा है कि यह क्षेत्र चीन से संबद्ध है. चीनी मीडिया ने सीमा पर बढ़ते तनाव के खिलाफ भारत को कई बार चेतावनी जारी की है. ‘चाइना डेली’ ने लिखा है, ‘भारत को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. वह गैरकानूनी सीमा उल्लंन के साक्ष्य को झूठलाने के काबिल नहीं है और इस आरोप को मढ़ने के लिए वह अपने छोटे पड़ोसी भूटान पर दबाव बनाता है.’