जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : CBI ने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पटना, रांची, पुरी, गुरुग्राम और दिल्ली समेत 12 ठिकानों पर सुबह सात बजे एक साथ छापेमारी की. एक साथ पांच राज्यों में की गयी छापेमारी के बाद बिहार और झारखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में आयोजित अधिकारियों की एक बैठक कर पुलिस मुख्यालय को कहा कि सभी जिलों के एसपी को अलर्ट कर दें. कहा गया कि वे पल-पल की घटना पर बारीक नजर रखें.
छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भूतपूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी को हटा कर रहूंगा. रेलवे के होटल को लीज पर देने के मामले में उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है. लालू ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, सब नियमों के तहत हुआ. उनके रेल मंत्री बनने से पहले हुआ. होटल के आवंटन में मेरी कोई भूमिका नहीं है. यदि मेरी कोई भूमिका होगी, तो मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं.
सीबीआई ने संवाददाताओं से कहा कि होटलों के रख-रखाव के लिए टेंडर देने में बरती गई अनियमितताओं के मामले में छापेमारी की गयी है. लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल, लालू प्रसाद के विश्वासपात्र और कॉरपोरेट मामलों के भूतपूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, सुजाता होटल्स के प्रमुख विजय कोचर और विनय कोचर के खिलाफ शुरुआती जांच के बाद 5 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया था. इन सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 120बी, सेक्शन 13 और 131बी के तहत दर्ज की गयी है.
सीबीआई ने बताया कि वर्ष 2006 में रांची और पुरी के बीएनआर होटलों के विकास, रख-रखाव और संचालन के लिए निविदाओं में कथित अनियमितता पाये जाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ये होटल पहले आइआरसीटीसी को ट्रांसफर किये गये और बाद में इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी सुजाता होटल्स को दी गयी. सीबीआई ने कहा कि सुजाता होटल्स को ठेका देने में लालू प्रसाद की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हुई. बीएनआर होटल रेलवे के हेरिटेज होटल हैं, जिन्हें उसी साल (वर्ष 2006 में) आइआरसीटीसी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था.
बताया जाता है कि आज सुबह सात बजे पांच गाड़ियों में 25-30 सीबीआइ के अधिकारी पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के घर पहुंचे. अधिकारियों ने राबड़ी और उनके बेटों से पूछताछ करनी शुरू कर दी. लालू प्रसाद यादव से रांची में पूछताछ की जा रही है. लालू प्रसाद को सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाला मामले की सुनवाई में हर दिन कोर्ट में पेश होना पड़ता है.
राजद ने इसे ‘बदले की कार्रवाई’ और ‘विरोधियों को ठिकाना लगाने की राजनीति’ करार दिया है. राजद प्रवक्ता मनोज कुमार झा का कहना है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी नये गंठबंधन के सहयोग से 2019 का आम चुनाव जीतना चाहती है. सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर विरोधियों को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राजद उसके आगे घुटने नहीं टेकेगा.
छापेमारी पर लालू प्रसाद ने कहा कि ‘लालू प्रसाद मिट्टी में मिल जायेगा, लेकिन 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को हटा कर ही दम लेगा.’ उन्होंने कहा कि किसी का अहंकार नहीं टिका. अहंकार में चूर इन लोगों को भी सत्ता से बेदखल करके ही वह दम लेंगे.
लालू प्रसाद ने कहा कि उन्हें डराने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. लेकिन, उन्हें अब सीबीआइ से डर नहीं लगता. उनकी अनुपस्थिति में उनके घर पर छापेमारी हुई. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चों ने उनसे कहा कि सीबीआई की रेड हुई है, तो उन्होंने कहा कि अधिकारी जो जानकारी चाहते हैं, उन्हें पूरी जानकारी दे दें.
लालू प्रसाद ने कहा की सीबीआइ के आका नरेंद्र मोदी उन्हें जो निर्देश दे रहे हैं, वे उसका पालन कर रहे हैं. इसलिए पत्नी और बच्चों से कहा कि सीबीआई के अधिकारियों को बाकायदा अपनी गाड़ी और सुरक्षा में उन्हें सुरक्षित स्थल तक पहुंचा दें, ताकि उनके साथ कुछ गलत न हो. यदि ऐसा हो गया, तो लालू प्रसाद की घोर बदनामी होगी.
राजद सुप्रीमो ने कहा, ‘मेरी शक्ति और जवानी इसी मुकदमे में बीत गयी. मेरे बाप-दादा को भी इसी तरह परेशान किया जाता था. केस-मुकदमा में फंसा कर तोड़ने की कोशिश हो रही है.’ उन्होंने कहा कि जो भी गरीब-गुरबा और युवा की आवाज बुलंद करता है. सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने कहा कि सीबीआइ का कोई दोष नहीं है. केंद्र में सत्तासीन दल वर्ष 2019 के चुनाव की तैयारी में जुटी है. उसे पता है कि बिहार में लालू मजबूत है. बहलाने-फुसलाने से नहीं मानेगा. ये लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं. इसिलए सीबीआइ का इस्तेमाल करना चाहते हैं. सीबीआइ जब भी उनसे (लालू यादव से) पूछताछ करना चाहेगी, वह उनके सवालों का जवाब देने के लिए उपलब्ध रहेंगे.
चारा घोटाले की सुनवाई में रांची आए लालू प्रसाद ने संवाददाताओं को कहा कि आइआरसीटीसी का गठन 1999 में हुआ. 2002 में आइआरसीटीसी ने काम करना शुरू किया. 2003 में दिल्ली-हावड़ा-रांची एवं पुरी के यात्री निवास एवं होटल को आइआरसीटीसी को हैंडओवर किया गया. तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. एनडीए की सरकार थी. इसमें लालू प्रसाद की कोई भूमिका नहीं थी.
लालू प्रसाद ने कहा कि 31 मई, 2004 को वह रेल मंत्री बने. उन्होंने होटल के बदले जमीन लेने के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया. लालू ने कहा कि रेल मंत्रालय डूब रहा था. उन्होंने रेलवे का कायाकल्प किया. आज होटलों में लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं. रांची और पुरी के होटलों में कुत्ते-बिल्ली और गाय-भैंस घूमते रहते थे. दिल्ली के यात्री निवास में चोर-उचक्के ठहरा करते थे. आज उस होटल के रख-रखाव की जिम्मेवारी टाटा ने ले रखी है.
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में जिन होटलों को लीज पर दिया गया, उसमें कोई अनियमितता नहीं हुई. उन्होंने किसी का पक्ष नहीं लिया. सबसे ज्यादा बोली लगानेवालों को होटल का लीज दिया गया. उन्होंने कहा कि आइआरसीटीसी को होटलों से लाइसेंस फीस के रूप में अब भी 1 करोड़ रुपये मिलते हैं. 15 साल बाद आइआरसीटीसी को सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ होटल वापस कर दिये जायेंगे.
आइआरसीटीसी रेलवे की ऑटोनोमस बाॅडी है. वह सबको मैनेज करता है. सुनने में आया है कि उसी ने अपने यहां बुला कर एफआइआर करवाया है. उसके बाद पटियाला कोर्ट से सर्च वारंट लेकर यह कार्रवाई की गयी है.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार को आशंका है कि लालू प्रसाद पर सीबीआइ के एक्शन से उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता आक्रोश में हैं. ऐसे में कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है. वे सड़कों पर भी उतर सकते हैं. पुलिस मुख्यालय से जारी हिदायत के बाद राबड़ी देवी और मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी.