जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चीन और भूटान के राजदूत से मिलने के विवादपर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब मोदी हैम्बर्ग में जी – 20 सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे थे, उसी समय केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और संस्कृति मंत्री चीन में क्या कर रहे थे?
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बात की पुष्टि की कि चीन और भूटान के राजदूतों ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि चीन और भूटान के राजदूतों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन से मुलाकात की थी.
उल्लेखीन है कि भारत में चीन के दूतावास ने wechat अकाउंट पर पुष्टि की थी कि चीन के राजदूत लियो झाओहुई ने राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की थी. बताया गया था कि उन्होंने भारत-चीन संबंधों पर बातचीत की थी. कांग्रेस ने आरंभ में इस खबर को फर्जी बताया.
सुरजेवाला ने कहा कि विभिन्न देशों के राजदूत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलते रहते हैं और यह मात्र शिष्टाचार भेट होती है। सुरजेवाला ने कहा कि किसी को भी इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाकर पेश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
इससे पहले भारत में चीन के दूतावास की ओर से सोमवार को दावा किया गया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 8 जुलाई (शनिवार) को चीनी राजदूत लू झाओहुई से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में चीनी दूतावास ने इस कथित मुलाकात से सबंधित जानकारी को अपनी वेबसाइट से हटा दिया.
उन्होंने कहा, ‘ ‘चाहे चीन के राजदूत हों (लियो झाओहुई) या भूटान के राजदूत (वेटसोप नामग्येल) या पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, राहुल गांधी ने सभी तीनों से मुलाकात की है. इस तरह के सद्भावना मुलाकात को किसी को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहिए जैसा कि विदेश मंत्रालय के सूत्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ‘ ‘ सुरजेवाला ने कहा कि राहुल और विपक्ष के अन्य नेता ‘ ‘हमारे राष्ट्रीय हितों से पूरी तरह अवगत हैं ‘ ‘ और भारत चीन सीमा पर ‘ ‘गंभीर स्थिति ‘ ‘ से अवगत है.
चीन और भारत के बीच भूटान ट्रायजंक्शन के पास डोकलाम क्षेत्र में पिछले तीन हफ्ते से गतिरोध जारी है. डोका ला भारतीय नाम है जिसे भूटान डोकलाम बताता है जबकि चीन इसे डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा बताता है.