जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली . नौ माह गुजर जाने के बाद भी आरबीआई को यह पता नहीं है कि 500 और 1000 के कितने नोट अबतक जमा हुए हैं. 8 नवंबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. तब से लेकर के आज तक को यह नहीं पता है कि कितने पुराने नोट अभी तक जमा हुए हैं.
संसदीय समिति के समक्ष आज पेश हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर उर्जित पटेल ने इस तरह की कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया है.साथ ही पटेल ने बड़े एनपीए अकाउंट्स के बारे में भी जानकारी देने से मना कर दिया.
संसदीय पैनल पटेल से यह जानकारी चाहता है कि नोटबंदी के 500 और 1000 रुपये के कितने पुराने नोट बैंकों में जमा कराए गए? पैनल यह भी जानना चाहता है कि नोटबंदी से उबरने यानी पुनर्मुद्रीकरण के दौरान जो प्रकिया इस्तेमाल में लाई गई, उसकी बारीकियां क्या रहीं?
पिछली बैठक में पटेल ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए कुल पुराने नोटों की संख्या नहीं बताई थी. उन्होंने इतना बताया था कि 9.2 लाख करोड़ राशि के नए नोट चलन में आए हैं. 8 नवंबर 2016 को कुल करेंसी की 86 फीसदी रकम अवैध करार दी गई थी.
नोटबंदी के बाद चलन से हटाये गए 500 और 1000 रुपये को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने 12 फरवरी को भी येही बयान दिया था. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के कितने नोट बैंकों में जमा हुए हैं, इसकी गिनती अभी भी चल रही है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने शनिवार को दी.
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पहले कहा था कि 10 दिसंबर 2016 तक 12.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए हैं. आम बजट के बाद रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक के बाद पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि नोटबंदी के बाद जमा हुए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती का काम चल रहा है. उन्होंने ये भी कहा था कि महज अनुमान जारी नहीं किए जाने चाहिए, बल्कि पूरी तरह से सत्यापित और जटिल लेखा पद्धति के अनुरूप ही आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए.