जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । राजनीतिक अस्थिरता के बीच बिहार राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है. इस बात का संकेत शुक्रवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने दी. पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकी दी कि वे तेजस्वी यादव के मामले पर जल्द से जल्द फैसला लें. हालांकि संभावनाएं बहुत है समाधान करने के लिए लेकिन अंतिम विकल्प राष्ट्रपति शासन है.
युवा लोक जनशक्ति पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से नीतीश को एनडीए के समर्थन देने के सवाल पर पासवान ने कहा कि यह नीतीश को निर्णय लेना है कि वे चुनाव में जाना चाहते हैं या मुख्यमंत्री बना रहना चाहते हैं. नीतीश को जो भी फैसला लेना है वह जल्द से जल्द लें.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और साफ छवि एक साथ नहीं चल सकता. सारी दुनिया जानती है कि लालू प्रसाद यादव कितने पाक साफ हैं. सीबीआई किसी के खिलाफ एफआईआर दायर करती है तो पूरे पुख्ता सबूत के आधार पर, न कि हवा हवाई पर.
पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार लंगड़ी बिल्ली की तरह चल रही है.
दूसरी तरफ आरजेडी के मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा था कि जेडीयू को यह नहीं भूलना चाहिए कि आरजेडी के पास 80 विधायक हैं, महागठबंधन में वही होगा जो वह चाहेंगे.
वहीं अब शुक्रवार को जेडीयू की ओर से राजद को करारा जवाब दिया गया है. जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि सत्ता हमारे लिए जरूरी नहीं है, वह 5 मिनट के अंदर सरकार को छोड़ देंगे. वहीं सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर अड़ गए हैं, वहीं राजद भी तेजस्वी भी इस्तीफे के मूड में नहीं है. खबर है कि अगर तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे, तो नीतीश कुमार खुद ही इस्तीफा दे सकते हैं.
जदयू और राजद के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर बढ़ रहे तनाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की है. इसके अलावा सोनिया गांधी ने लालू प्रसाद यादव से भी बात की है. साफ है कि सोनिया गांधी टूट की ओर बढ़ रहे महागठबंधन को बचाने की कोशिश कर रही हैं.
अजय आलोक ने कहा कि महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार ही हैं, जो लोग 80 विधायकों की धमकी दे रहे हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वह सत्ता के भूखे नहीं हैं, 5 मिनट में सत्ता को छोड़ देंगे. नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रवैये से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि जेडीयू अभी भी तेजस्वी यादव की सफाई से संतुष्ट नहीं है.
जेडीयू के बड़े नेता केसी त्यागी ने कहा कि राजद के विधायक इस तरह का बयान घमंड और अकड़ के साथ दे रहे हैं. इस प्रकार के बयान नहीं देने चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समझौता नहीं किया है, हम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. केसी त्यागी बोले कि तीनों पार्टियों ने मिलकर नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता माना है, इसलिए उनके सवालों पर भी ध्यान देना जरूरी है.
इस टकराव के बीच आरजेडी के मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र ने इशारों-इशारों में नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी भी दे दी. पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाई वीरेंद्र ने कहा, ‘यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि आरजेडी के पास 80 विधायक हैं और महागठबंधन में वही होगा जो वह चाहेंगे.’ वहीं जेडीयू को तोड़कर सरकार बनाने के सवाल पर आरजेडी विधायक ने कहा, हम लोकतंत्र में यकीन करते हैं. हम जेडीयू के किसी विधायक को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे.