जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । निजी अस्पतालों में बढ़ रहे अनावश्यक सर्जरी से बच्चे पैदा करने के मामले की जांच केंद्र सरकार करने जा रही है। अनावश्यक सर्जरी का आलम यह है कि तेलंगाना में 54 फीसदी बच्चे सी सेक्शन सर्जरी से पैदा किए जा रहे हैं जबकि दूसरे स्थान पर तमिलनाडु में यह आंकड़े 34 फीसदी है । बढ़ती हुई सी सेक्शन सर्जरी की जांच के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने फरवरी 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी नड्डा को जरुरी कदम उठाने के लिए पत्र लिखा था।
मेनका गांधी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुसार कुल प्रसवों में से सी सेक्शन के माध्यम से प्रसव की औसत दर सामान्यतः 10-15 प्रतिशत तक होनी चाहिए, कुछ राज्यों में इसका प्रतिशत बहुत अधिक है। तमिलनाडु में इसका प्रतिशत 34 प्रतिशत और तेलंगाना में इसका 54 प्रतिशत की जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने आगे कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि इन राज्यों के निजी नर्सिंग होमो इसका प्रतिशत और भी अधिक है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री के पत्र के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, जे. पी. नड्डा ने कहा कि जो चिन्ताएं व्यक्त की गई हैं वे तथ्यों पर आधारित हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए बहुत से उपाय कर रहा है। सबसे पहले सी जी एच एस के पैनल के अन्तर्गत आने वाले सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्वागत कक्ष क्षेत्र में सामान्य प्रसव के मुकाबले सी सेक्शन से हुए प्रसवों के आंकड़ों को प्रमुखता से प्रदर्शित करें।
“सी सेक्शन के बढ़ने की पहचान और प्रभाव की व्याख्या और उसके सम्भावित समाधान का प्रसार” सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में किया गया, जिससे कि केवल उन्हीं महिलाओं का सी सेक्शन किया जाए, जिनकी उन्हें वास्तव में जरूरत है फेशरेशन ऑफ ऑवसटेरिक एण्ड गायनोकोजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया ने भी अवांछनीय सी सेक्शन के बुरे प्रभावों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। इसके साथ-साथ राज्यों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी दवाओं की पर्चियों को लेखापरीक्षा करवाएं और विशेष रूप से इस मामले की ओर ध्यान दें।