जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है. संसद का यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान देश को नया राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति मिल जायेगा. सत्र में कश्मीर, चीन, गौरक्षा जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जीएसटी के लिए नयी तुकबंदी की, उसे नया नाम दिया. उन्होंने इसे गोइंग स्ट्रांगर टूगेदर स्प्रीट (एक साथ विकसित और मजबूत होना) नाम दिया और कहा यह जीएसटी स्प्रीट का दूसरा नाम है. इससे पहले जीएसटी लागू पर प्रधानमंत्री ने इसे गुड एंड सिंपल टैक्स बताया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सत्र भी जीएसटी स्प्रीट के साथ आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि यह सत्र अनेक रूप से महत्वपूर्ण है. 15 अगस्त को हम आजादी की 70 साल पूरा कर रहे हैं. नौ अगस्त को सत्र के दौरान ही अगस्त क्रांति के 75 साल पूरे हो रहे हैं. यही सत्र है जब देश को नये राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनने का अवसर मिला है. एक प्रकार से राष्ट्रजीवन के अत्यंत महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा यह कालखंड है. इसलिए देशवासियों का विशेष ध्यान इस महत्वपूर्ण सत्र की ओर रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम उन किसानों को नमन करते हैं जो इस मौसम में कठिन परिश्रम कर देश वासियों के लिए खाद्य सुरक्षा का इंतजाम करते हैं. उन्हीं को नमन करते हुए इस माॅनसून सत्र का प्रारंभ होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस माॅनसून सत्र में मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल, सभी माननीय सांसद राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण फैसले लेकर उत्तम स्तर की चर्चा कर हर विचार में वैल्यू एडिशन करने का प्रयास, हर व्यवस्था में वैल्यू एडिशन करने का प्रयास करेंगे.
इस सत्र में कश्मीर मुद्दा, डोकलाम को लेकर चीन से जारी गतिरोध, दार्जीलिंग में अशांति, कथित गौरक्षकों का मामला, नागरिकता संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक, उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक, बैंकिंग विनियमन विधेयक आदि पर चर्चा होने की संभावना है.
संसद के मानसून सत्र का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि यह सत्र जीएसटी की भावना के साथ चलेगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने संसद पहुंचे पीएम मोदी ने कहा, ‘Growing Stronger Together’ यह जीएसटी की स्पिरिट का दूसरा नाम है। यह सत्र भी उस जीएसटी स्पिरिट के साथ आगे बढ़े।
उन्होंने कहा, जीएसटी की सफल ‘बारिशें’ मानसून सत्र को वैसी ही खुशबू से भर देंगी जैसी कि बरसात के बाद सूखी मिट्टी से सौंधी-सौंधी खुशबू आती है। जब देश के सभी राजनीतिक दल, सभी सरकारें सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रहित के तराजू पर तोल करके निर्णय करती हैं, तो कितना महत्वपूर्ण राष्ट्रहित का काम होता है, वो जीएसटी में सफल और सिद्ध हो चुका है।