जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली . बसपा सुप्रीमो मायावती की आंखें आज राज्यसभा में भर आई. राज्यसभा के चेयरमैन पर भड़कते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. हालांकि अभी इसकी पुष्टी नहीं हुई है.
मायावती ने कहा कि जब सत्ता पक्ष के लोग मुझे अपनी बात रखने का भी समय नहीं दे रहे हैं तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है.
दूसरी तरफ यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मायावती का यूपी को आगे बढ़ाने में कोई सहयोग नहीं रहा है, शांत प्रदेश में अशांति फैलाने की कोशिश ना करें.
दरअसल मायावती जब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ‘दलितों पर अत्याचारों’ का मुद्दा उठाना चाहा तो सदन में काफी हंगामा हुआ. मायावती ने कहा कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पूरे देश में, खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में ‘जातिवाद और पूंजीवाद’ बढ़ गया है.
मायावती ने अपने सहारनपुर दौरे के समय सरकार के रवैये को लेकर सवाल उठाये. राज्सभा के उपसभापति ने कहा कि आपको तीन मिनट ही बोलना है. इस दौरान उपसभापति ने उनसे कहा कि आपने तय समय में अपनी बात नहीं खत्म की. आपको बाद में फिर समय दिया जाएगा. लेकिन वो बोलती रहीं. उन्होंने कहा कि उन्हें बोलने से क्यों रोका जा रहा है ? इस पर उनकी उपसभापति से नोंक-झोंक हो गयी. इसके बाद मायावती ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर उन्हें बोलने से रोका जाएगा तो वह राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगी.
मायावती ने राज्यसभा में उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार का मामला उठाया. जब वे इस मुद्दे पर बोल रही थीं तब सदन में काफी शोर-शराबा हो रहा था. जिसके बाद मायावती ने अपनी बात रखने की अपील की. इस घटना से नाराज मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे इस मुद्दे पर बोलने नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि आज वो इस्तीफा देंगी.
इसके बाद नकवी ने कहा कि मायावती ने सदन का अपमान किया है और आसन को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि, “उन्हें (मायावती) माफी मांगनी चाहिए.” हंगामा न रुकता देख, उपसभापति पी.जे. कुरियन ने दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने नकवी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बीजेपी को गरीबों, किसानों, अल्पसंख्यकों और दलितों की रक्षा के लिए जनादेश मिला है, न कि भीड़ द्वारा हिंसा (मॉब लिंचिंग) के लिए.
आजाद ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “जब मायावती ने बोलने की कोशिश की, तब उनसे कहा गया कि ‘हमें जनादेश मिला है.’ हमें नहीं पता था कि बीजेपी को अल्पसंख्यकों, दलितों के खिलाफ मॉब लिंचिंग के लिए जनादेश मिला है. हम ऐसी सरकार के साथ नहीं हैं.” इसके बाद आजाद सदन से बाहर बहिगर्मन कर गए. अन्य कांग्रेस नेता भी उनके पीछे-पीछे सदन छोड़कर चले गए.
बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि वह राज्यसभा में समाज के कमजोर वर्ग के बारे में बात करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘लानत है…अगर मैं अपने समाज की बात सदन में नहीं रख सकती तो मुझे सदन में रहने का अधिकार नहीं है. यही कारण है कि मैंने राज्यसभा से इस्तीफा देना का फैसला किया है.