जनजीवन ब्यूरो / अहमदाबाद । गुजरात में कांग्रेस दो फाड़ हो चुकी है. इसे बीजेपी की रणनीति कहें या मोदी समर्थक कांग्रेस नेताओं को किनारे करने की कांग्रेस की नीति. कांग्रेस नेता शंकर सिंह बाघेला ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वाघेला ने जन्मदिन के बहाने अपने समर्थकों का जमावड़ा बुलाया. रैली में वाघेला ने बड़ा खुलासा किया है कि उन्हें कांग्रेस ने 24 घंटे पहले ही पार्टी से निकाल दिया है. वाघेला ने कहा- विनाश काले विपरित बुद्धि लेकिन बापू रिटायर होने वाला नहीं है. वाघेला ने कहा कि मैं कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान करता हूं और अपनी ओर से पार्टी को मुक्त करता हूं.
वाघेला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, करप्शन और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में जांच चल रही है. एक नेता ने दावा किया कि इन मामलों का बीजेपी बेहद चालाकी से इस्तेमाल करते हुए उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. इस नेता ने बताया कि अमित शाह ने इस बाबत पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर ली है. इस स्क्रिप्ट का पहला हिस्सा यह है कि वाघेला कांग्रेस के राज्य प्रमुख भरत सिंह सोलंकी को हटाए जाने की मांग करें. प्लान का पार्ट बी यह है कि वाघेला बीजेपी से जुड़े बिना ही कांग्रेस से आधिकारिक तौर पर अपने संबंध समाप्त कर लें.
इसके चलते कांग्रेस नेता अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव में हराने में मदद मिल सकती है. पटेल की हार कांग्रेस के लिए करारा झटका होगी और बीजेपी को इससे भारी बढ़त मिलेगी. ‘पार्ट सी’ के तहत अहमद पटेल के खिलाफ कैंपेन चलाया जाए. ‘पार्ट डी’ के तहत शंकर सिंह वाघेला कुछ संगठनों से गठजोड़ करके और एक दर्जन विधायकों को बीजेपी जॉइन कराकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सूत्रों का कहना है कि वाघेला ने बीजेपी लीडरशिंप को रामनाथ कोविंद के सपॉर्ट में 18 कांग्रेस विधायकों से क्रॉस वोटिंग कराने का दावा किया था. लेकिन, वह 8 से 11 विधायकों से ही क्रॉस वोटिंग करा पाए. यह कांग्रेस के लिए करारा झटका है, लेकिन ताकत दिखाने की कोशिशों में जुटे वाघेला भी इस बात से हैरान हैं कि उनकी बात को कई विधायकों ने महत्व नहीं दिया.