जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों के करीब आठ लाख शिक्षकों को बीएड की डिग्री हासिल करने की नसीहत दी है। अगर 31 मार्च 2019 तक बीएड की डिग्री हासिल न कर पाने वाले शिक्षकों को नौकरी से बाहर किया जाएगा। इस विधेयक को शुक्रवार को लोकसभा ने चर्चा के बाद पारित कर दिया।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में यह बिल पेश करते हुए कहा कि निजी स्कूलों में करीब साढ़े पांच लाख और सरकारी स्कूलों में ढाई लाख शिक्षक बीएड की डिग्री हासिल नहीं किए हैं। अप्रशिक्षित शिक्षकों के शिक्षण से छात्रों को पढ़ाया जाना नुकसानदायक साबित हो रहा है। ऐसे में 2019 तक सभी कार्यरत शिक्षकों को अनिवार्य न्यूनतम योग्यता हासिल करनी होगी वरना उनकी नौकरी चली जाएगी।
जावड़ेकर ने कहा कि अप्रशिक्षित शिक्षक अगस्त के अंत तक ‘स्वयं’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन के 32 डीटीएच चैनलों पर 400 से अधिक कोर्स से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। ये कार्यक्रम आठ भाषाओं में हैं। पाठ्यक्रम पूरा करने वाले शिक्षकों को मुक्त विश्वविद्यालय के जरिए डिग्री मिलेगी। पेशेवर कोर्स करने के बाद वे अपने पद पर कार्य कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले इन अप्रशिक्षित अध्यापकों का ट्रैक रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। किस अध्यापक ने कितनी पढ़ाई की है, डीटीएच पर पाठ्यक्रम से जुड़े कितने कार्यक्रम देखे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद परीक्षा से पहले इन सभी अध्यापकों को जिलास्तर पर दो सप्ताह का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि, इनकी गुणवत्ता को और सुधारा जा सके। इसके बाद शिक्षकों की परीक्षा होगी।