केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार अपने कामकाज को बेहद सफल बता रही है तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस उनके दावे को छलावा बता रही है। देश के किसान व जवान की हालत का आकलन कांग्रेस के नेता विभाकर शास्त्री कर रहे हैं उनकी ही जुवानी में पढ़िए। देश के ज्वलंत मुद्दे पर अमलेंदु भूषण खां ने शास्त्री से लंबी बातचीत की।
सवाल- वर्षों पहले लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। आज देश में किसान और जवान की क्या स्थिति है ?
विभाकर शास्त्री – जय जवान और जय किसान के नारे के पीछे जो सोच थी आज वह काफी बदल गई है। किसान किसी जाति से संबद्ध नहीं होते हैं। किसान, किसान होते हैं। किसान जब खेतों में काम करते हैं तो उसे किसी जाति से संबोधित नहीं किया जाता है। लोग यही कहते हैं कि किसान काम कर रहा है। यह कह सकता है कि यह ब्राह्मण, राजपूत का खेत है, लेकिन किसान को जाति से संबोधित नहीं किया जाता है। इसी तरह जवान सीमा पर तैनात होते हैं तो उन्हें जाति या धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाता है। आज हिंदुस्तान के अंदर किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी ओर जवान सीमाओं पर मर रहे हैं। लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है। किसान और जवान जब कमजोर हो जाएंगे तो देश कमजोर हो जाएगा। इनकी तकलीफों को नरेंद्र मोदी सरकार को सोचनी चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलना अच्छी बात है, लेकिन ढिंढोरा पीटने से पहले यह भी देखना चाहिए कि देश की जनता किस हाल में है।
सवाल- नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज को आप किस रुप में देखते हैं ?
विभाकर शास्त्री – नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 के चुनाव में जितने वादे किए थे, आजतक उन वादों में से एक भी पूरा नहीं किया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की क्या उपलब्धि है। देश के प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपए देने का वादा मोदी ने किया था। दो करोड़ लोगों को नौकरियां भी देने का वादा किया था। सड़क, पानी, बिजली घर घर तक पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन आजतक नहीं पहुंचाया गया।
सवाल- लेकिन जनता तो उनको जीत पर जीत दिलाते जा रही है ?
विभाकर शास्त्री – ऐसा नहीं है कि चुनाव दर चुनाव मोदी जीतते जा रहे हैं। बिहार और दिल्ली में हार का मुंह मोदी को देखना पड़ा। जहांतक उत्तर प्रदेश का सवाल है वहां एक किस्म का माहौल बनाया गया। भाजपा को वोट देने के लिए लोगों को विवश होना पड़ा। अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकों के बीच में खाई बनाई गई जिसके कारण गैर भाजपाइयों को नुकसान उठाना पड़ा।
सवाल – उत्तर प्रदेश में योगी राज को आप किस रुप में देखते हैं ?
विभाकर शास्त्री – अभी तो उनकी सरकार को चार-पांच माह ही हुए हैं, इसलिए हमें इंतजार करना चाहिए। जब से योगी राज आया है तब से राज्य में ज्यादा हत्याएं हो रही है, बलात्कार, डकैती की घटनाओं में इजाफा हुआ है। यानि सभी मोर्चे पर सरकार असफल है।
सवाल – नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए नोटबंदी किया था। इसका आकलन आप किस रुप में करते हैं ?
विभाकर शास्त्री – रिजर्व बैंक के गर्वनर का जो बयान है वो काफी चौंकाने वाले हैं। नोटों की गिनती करने के लिए मशीनें खरीदी जा रही है। रिजर्व बैंक के पास इतने नोट वापस आ गए हैं जिनकी गिनती करने में बैंक लाचार है। नरेंद्र मोदी सराकर ने कालाधन, आतंकवाद, भ्रष्टाचार समाप्त करने की वकालत करके नोटबंदी किया था, लेकिन उसका असर कहां दिख रहा है। बैंक के एनपीए बढ़ते जा रहे हैं। लगभग नौ बैंक बंद होने के कगार पर है। जब बैंक बंद होने लगेंगे तो पैसा जमा करने वाले आम आदमी कहां जाएंगे।
सवाल – आप हरेक मोर्चे पर मोदी सरकार को विफल बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नरेंद्र मोदी का सामना नहीं कर पा रही है ?
विभाकर शास्त्री – ऐसा नहीं है। कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार की सभी नाकामियों को सामने लाने में सफल रही है। राहुल गांधी किसानों की समस्याओं को लेकर पूरे देश में आंदोलन चला रहे हैं। सिर्फ चुनाव की जीत-हार से पार्टी का आकलन नहीं किया जा सकता। चुनाव आने दीजिए फिर देखिए कौन सफल, कौन असफल।
सवाल – भाजपा का कहना है कि मध्य प्रदेश में किसान आत्म हत्या कर रहे थे उसी बीच राहुल गांधी अपनी नानी के घर चले गए ?
विभाकर शास्त्री – ऐसा है कि हर जगह राहुल गांधी नहीं जा सकते। कुछ उनकी भी मजबूरियां हैं। पारिवारिक कारण से उनको वहां जाना पड़ा, लेकिन स्थानीय नेता ज्योतिरआदित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह ने किसानों के मुद्दे को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। आज भी आंदोलन कायम है। राहुल गांधी किसानों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के गांव गांव तक घुमे, इसलिए यह कहना कि हर मुद्दे पर राहुल गांधी उपस्थित हो जाए यह संभव नहीं है। आज उत्तर प्रदेश में किसानों के कर्ज योगी सरकार ने राहुल गांधी के आंदोलन के कारण ही तो किया है।
सवाल – गोवा और मणिपुर में जीती हुई बाजी कांग्रेस हार गई ?
विभाकर शास्त्री – इसका जवाब तो भाजपा वाले ही दे सकते हैं। आंकड़े के हिसाब से कांग्रेस ज्यादा है। लेकिन नीतिन गडकरी और हेमंत शर्मा ने रातों रात बाजी पलट दी। उन्होंने क्या किया यह भाजपा वाले ही बता सकते हैं।