जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण को लेकर कांग्रेस पार्टी को बहस के लिए चुनौती देने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अब कांग्रेस पार्टी के निशाने पर हैं। जिस कैग रिपोर्ट को लेकर यूपीए सरकार के समय विपक्ष में रहने वाली भाजपा कांग्रेस पर निशाना साधती थी उसी कैग ने नितिन गडकरी के खिलाफ अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है।
भाजपा के अध्यक्ष रह चुके नितिन गडकरी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी को बहस के लिए चुनौती दी थी। इतना ही नही गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 19 मार्च 2०15 को पत्र भी लिखा था। उस पत्र का जवाब सोनिया गांधी ने 26 मार्च 2०15 को दिया था। पत्र में सोनिया ने कहा था कि आपके पत्र में सच्चाई कम और झूठ ज्यादा हैं। इतना ही नहीं सोनिया ने कहा कि आपने तथ्यो की कुव्याख्या ही है। काग्रेस पाटी गडकरी के खिलाफ हथकंडे की खोज में जुटी हुई थी जिसकी पूर्ति नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कर दी।
गडकरी को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया। कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में गडकरी के परिवार से जुड़े कंपनी समूह को दिये गये ऋण में कथित तौर पर अनियिमितता की बात सामने आयी है। हंगामे की वजह से शून्यकाल में सदन की कार्यवाही संक्षिप्त समय के लिए दो बार स्थगित की गयी।कांग्रेस के शांताराम नाइक ने कैग की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ति समूह की एक कंपनी पीएसकेएल ने नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ब्याज सब्सिडी की शर्तों का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि गडकरी एक समय उसके बोर्ड में शामिल थे।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि जवाबदेही होनी चाहिए। उपसभापति पी जे कुरियन ने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि शून्यकाल के दौरान किसी संसद सदस्य के खिलाफ आरोप नहीं लगाया जा सकता। शर्मा ने कहा कि यह सरकार ईमानदारी और जवाबदेही की बात करती है लेकिन कैग रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है। शर्मा ने कहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी, उस समय कैग की रिपोर्ट उनके लिए ”रामायण और गीता’’ जैसी थी लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके सुर बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा गंभीर मुद्दा है जिस नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री को यहां आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए। जदयू के शरद यादव ने कहा कि कैग की रिपोर्ट पर लाÞकसभा से लेकर राज्यसभा तक में ”संग्राम’’ हो चुका है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट चिंताजनक है और इसको छाÞड़कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। भ्रष्टाचार को गंभीर मुद्दा करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस चर्चा को टाला नहीं जा सकता।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस सदस्यों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि वे बिना किसी आधार के आरोप लगा रहे हैं और एक मंत्री का नाम ले रहे हैं। कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने तथा शून्यकाल में अन्य सदस्यों को अपने अपने मुद्दे उठाने का मौका दिए जाने की अपील की। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह किसी सांसद या मंत्री के खिलाफ आरोप का मामला नहीं है बल्कि यह कैग की रिपोर्ट पर आधारित है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि संबंधित मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उपसभापति कुरियन ने कहा कि शून्यकाल में यह मुद्दा नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि इसके लिए नियम और प्रक्रिया है तथा सदस्यों का उनका पालन करना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से इस संबंध में नोटिस देने को कहा। हंगामे के दौरान ही सपा के रामगोपाल यादव और माकपा के सीताराम येचुरी भी कुछ बोलते हुए दिखे।