जनजीवन ब्यूरो / नोएडा। जानेमाने शिक्षाविद और वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल की मंगलवार को निधन हो गया। 90 वर्ष साल के प्रोफेसर यशपाल को पद्म विभूषण और पद्म भूषण समेत कई सम्मान नवाजा जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यशपाल के निधन पर शोक जताया है।
यशपाल अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे हैं, जिन में योजना आयोग में मुख्य सलाहकार, विज्ञान और टैक्नालॉजी विभाग में सचिव और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में अध्यक्ष शामिल हैं।
26 नवंबर, 1926 को झांग (पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक शहर) में जन्मे यशपाल की परवरिश हरियाणा के कैथल में हुई। यशपाल ने पंजाब यूनिवर्सिटी से 1949 में फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल किया। 1958 में उन्होंने मैसेचुएट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी से फिजिक्स में ही पीएचडी की उपाधि हासिल की।
1973 में सरकार ने उन्हें स्पेस एप्लीकेशन सेंटर का पहला डॉयरेक्टर नियुक्त किया गया। 1983-84 में वे प्लानिंग कमीशन के चीफ कंसल्टेंट भी रहे। 1986 से 1991 तक यूजीसी के चेयरमैन रहे थे। 1993 में बच्चों की शिक्षा में ओबरबर्डन के मुद्दे पर भारत सरकार ने यशपाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। 2007 से 2012 तक जेएनयू के चांसलर रहे थे। यशपाल दूरदर्शन पर टर्निंग पाइंट नाम के एक साइंटिफिक प्रोग्राम को भी होस्ट करते थे।
पाल दूरदर्शन पर अत्यंत चर्चित विज्ञान कार्यक्रम टर्निंग प्वाईंट में भागीदारी और विज्ञान को साधारण शब्दों में आम जनता तक पहुंचाने के प्रयासों के कारण लोकप्रिय रहे हैं। वे भारत की छाप जैसे टीवी के विज्ञान कार्यक्रमों के सलाहकार मंडल में भी शामिल रहे हैं।
उन्हें 1976 में पद्मभूषण सम्मान मिला था और 2013 में पद्मविभूषण मिला था। प्रोफेसर यशपाल ने अपना करियर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च से शुरू किया था।