जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही का वीडियोग्राफी करने वाले बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर के मामले को लेकर लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को अनुराग को सदन की कार्यवाही को अपने फोन में कैद करने को लेकर मात्र चेतावनी दी।
ठाकुर की इस हरकत का विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध किया। विपक्षी सांसदों ने मांग की कि जिस तरह कांग्रेस के सदस्यों को अनुशासनहीनता के कारण सदन की पांच बैठकों से निलंबित किया गया, उसी तरह सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद को भी निलंबित किया जाए।
कांग्रेस ने सोमवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ लोकसभा की कार्यवाही का अपने फोन से वीडियो बनाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कांग्रेस के छह सांसदों गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, सुष्मिता देव, एम.के.राघवन और के.सुरेश को कागज के टुकड़े फाड़कर अध्यक्ष की आसंदी की ओर फेंके जाने के कारण सदन की पांच बैठकों से निलंबित कर दिया था।
ठाकुर को हालांकि सिर्फ चेतावनी दी गई, जिसके कारण विपक्ष ने नाराजगी जताई। पहले से ही अध्यक्ष की आसंदी के पास खड़े विपक्षी सदस्यों ने सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी और अपने सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग की।
सुमित्रा महाजन ने शिकायत का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ? यदि कोई सदस्य गलती करता है तो मैं हमेशा आगाह करती हूं.. सदन के भीतर मोबाइल से वीडियो बनाना अनुशासनहीनता है। यदि अनुराग ठाकुर ऐसा कर रहे थे तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए और इस संदर्भ में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि ठाकुर को निलंबित किए जाने की मांग की। ठाकुर ने हालांकि विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताया और कहा कि इसकी वजह से वह सदन में बोफोर्स का मुद्दा नहीं उठा सके, जिसके लिए उन्होंने नोटिस दिया था। उन्होंने हालांकि घटना पर खेद जताया और कहा कि उनकी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।
ठाकुर ने कहा कि हम भी विपक्ष में थे, लेकिन हमने कभी ऐसा नहीं किया। यदि किसी को मेरे फोन से समस्या है तो मुझे खेद है.. मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हो रहा था।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने ठाकुर को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ऐसी गलती दोबारा नहीं करें। विपक्षी सांसद हालांकि भाजपा सदस्य को दी गई केवल चेतावनी से नाराज हुए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।