जनजीवन ब्यूरो / अहमदाबाद । पूरे देश में कांग्रेसियों के पार्टी छोड़ने की होड़ लगी हुई है। 18 राज्यों में भाजपा का विस्तार होने के बाद भाजपा राज्यसभा में भी अब बहुमत के आंकड़े पार करने जा रही है। इसी कड़ी में गुजरात के छह विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। शनिवार को छनाभाई चौधरी, रामसिंह परमार और मान सिंह चौहान ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। वहीं, जामनगर ग्रामीण से विधायक राघव सिंह पटेल ने कहा है कि वह अगला चुनाव कांग्रेस से नहीं लड़ेंगे और जब बीजेपी कहेगी, तब इस्तीफा दे देंगे। विधायकों की इस टूट से पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के राज्यसभा पहुंचने की राह मुश्किल होती दिख रही है।
वहीं, गुजरात के इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस ने राज्यसभा के चुनावों को प्रभावित करने की खातिर पार्टी के एक विधायक का अपहरण कर लिया है। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही कई बार रद्द करनी पड़ी। कांग्रेस सदस्यों ने बीजेपी पर राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के विधायकों को ‘चुराने’ का आरोप लगाया और आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद और उनके पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया। आजाद ने आरोप लगाया कि उनके विधायक का अपहरण उस एसपी ने किया जो पहले फर्जी मुठभेड़ के आरोप में जेल जा चुका है।
इससे पहले, शून्यकाल में आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के उन तीन विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले इन तीन विधायकों में से एक को तो तत्काल राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी का उम्मीदवार बना दिया गया । उन्होंने बीजेपी की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप पकडे़ भी नहीं जाते।’ आजाद ने कहा कि गुजरात की व्यारा विधानसभा सीट (सुरक्षित ) से विधायक पूनाभाई गामित जिला कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के बाद एक अन्य विधायक के घर चाय पीने जा रहे थे। उसी दौरान एसपी ने उनका ‘अपहरण’ कर लिया। आजाद ने आरोप लगाया, ‘एसपी ने विधायक से कहा कि कांग्रेस ने आपको आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने का फैसला किया है और उन्हें पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए। उस पुलिस एसपी ने यह भी कहा कि वह विधायक को बीजेपी अध्यक्ष से मिलवाएगा और उन्हें टिकट दिलवाएगा।’
बता दें कि गुजरात में कांग्रेस को झटका देते हुए शंकर सिंह वाघेला के करीबी माने जाने वाले पार्टी के 3 विधायक बलवंत सिंह राजपूत, डॉक्टर तेजश्री पटेल और पीआई पटेल गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने फौरन ही उनमें से एक को कांग्रेस के अहमद पटेल के खिलाफ राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
राज्य में अगले महीने राज्यसभा के लिए चुनाव होना है। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। विधानसभा में पार्टी के 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 51 रह गई है। पटेल को राज्यसभा में चौथी पारी के लिए पहली वरीयता के 48 वोटों की जरूरत होगी। बीजेपी अहमद पटेल की राह मुश्किल करने की कोशिश में है और उसे उम्मीद है कि वह कांग्रेस उम्मीदवार के मतों में सेंध लगा देगी।
बता दें कि अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं। शाह और स्मृति ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। गुजरात से राज्यसभा के कुल 11 सदस्यों में स्मृति और दिलीप भाई पांडे तथा कांग्रेस के अहमद पटेल का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राज्य में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग देखने को मिली थी, जब विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को विधानसभा में पार्टी के 57 विधायकों में सिर्फ 49 विधायकों के ही वोट मिले थे।