जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। जद यू अध्यक्ष शरद यादव के बाद योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पद्म पुरस्कार पाने के लिए लाबिग करनी होती है और रसूख वाले लोग पद्म पुरस्कार पाने में कामयाब भी होते हैं। हालांकि बाबा रामदेव ने यह भी माना कि अच्छा काम करने वालों को भी यह मिलता है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन रामदेव के इस बयान से पद्म पुरस्कार को लेकर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने रामदेव पर निशाना साधते हुए कहा है कि क्या लाल कृषण आडवाणी को भी लाबिंग करनी पड़ी है?
गौरतलब है कि इस साल बाबा रामदेव का नाम संभावित पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची में था। उन्होंने इस पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया था और गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी कि वह योगी और सन्यासी हैं। उन्हें इस तरह के पुरस्कार से ना नवाजा जाए।
यह पहली बार नहीं है, जब पद्म पुरस्कारों को दिये जाने के तरीके पर सवाल खड़ा हुआ है। जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने भी पद्म पुरस्कार दिए जाने के
तरीके पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि काम करने वालों को पद्म पुरस्कार नहीं मिलता। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बेईमान और मक्कारों को यह पुरस्कार मिलता है। सरकार के करीबी जो लोग होते हैं उन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजा जाता है। शरद के इस बयान के बाद काफी हंगामा हुआ था, लेकिन शरद अपने बयान पर कायम रहे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असाउद्दीन ओवैसी ने भी पद्म पुरस्कार पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने मांग की थी पुरस्कार देने का एक तरीका होना चाहिए। जो भी पार्टी सरकार में होती है अपने लोगों को
पुरस्कार थमा देती है। ओवैसी ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को मिले पुरस्कार पर भी सवाल खड़े किए थे। अब बाबा रामदेव ने भी पद्म पुरस्कार पर सवाल खड़े किए हैं।