जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ । बिहार और गुजरात मची भगदड़ के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के यूपी पहुंचते ही सियासी हलचल आज अचानक बढ़ गई । शाह के कदम रखते ही समाजवादी पार्टी के दो और बीएसपी के एक एमएलसी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि सपा के एक और एमएलसी इस्तीफा दे सकते हैं। खास बात यह है कि इनमें मुस्लिम शिया समुदाय के जाने माने नेता बुक्कल नवाब भी शामिल हैं।
बसपा से इस्तीफा देने के बाद जयवीर सिंह भाजपा में शामिल हुए । यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने जयवीर ने बीजेपी ज्वाइन की। बुक्कल नवाब ने इस्तीफे के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ भी की है। माना जा रहा है कि इन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के लिए अपनी सीट छोड़ी है।
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने तीनों के इस्तीफे की पुष्टि की है। यादव ने कहा कि विधान परिषद के तीनों सदस्य अलग-अलग आये थे और इस्तीफा देकर चले गये।
नवाब ने हाल ही में राम मंदिर निमार्ण के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो कहां होगा। मंदिर निमार्ण तो होना ही चाहिये।’करीब 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन व्यतीत कर रहे श्री नवाब को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।
दोनों एमएलसी के इस्तीफे पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा एमएलसी और एमएलए को लालच देकर तोड़ रही है।
राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक सदस्य बुक्कल नवाब ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार ने उनके समुदाय के साथ ज्यादती की थी। उन्होंने कहा, ‘एक साल से हमें परेशान किया जा रहा है, लेकिन कभी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलाकर हमसे हमारा हाल तक नहीं जाना। इसके अलावा हमारे कौम के लोगों पर जुमा अलविदा के दिन लाठी चार्ज कराया गया, इन सब बातों से आहत होकर मैंने विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है।’ उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की।
आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंचे हुए हैं। बीजेपी प्रेजिडेंट अमित शाह ने लखनऊ आते ही सपा को बड़ा झटका दिया है। यह शाह का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इस घटनाक्रम को कुछ मंत्रियो को एमएलसी बनाने का रास्ता माना जा रहा है। रिक्त सीट पर बीजेपी नेता उपचुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दो डिप्टी सीएम दिनेश चंद्र शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य, मोहसिन रजा और स्वतंत्र देव सिंह अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। इसलिए इन्हें मंत्रिमंडल का सदस्य बने रहने के लिए किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है।
सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने एमएलसी के पार्टी छोड़ने पर मीडिया से कहा कि एमएलसी और एमएलए को लालच देकर बीजेपी तोड़ रही है। बीजेपी जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बिहार में इन लोगो ने राजनीतिक भ्रष्टाचार किया और अब गुजरात में कांग्रेस को तोड़ने में लगे हैं।
अखिलेश ने कहा कि एमएलसी तोड़ना राजनीतिक भ्रष्टाचार है। बुक्काल नवाब अगर क़ैद नही हुए होंगे तब मैं उनसे पूछूँगा की क्या कारण है। अगर मायावती चुनाव लड़ती हैं तो मैं केवल इतना कहूँगा की समाजवादियो के सबसे अच्छे सम्बंध है। परिस्थिति के अनुसार राजनीति में किसकी कब मदद करनी पड़े , उसके लिए तैयार रहना चाहिए।