जनजीवन ब्यूरो
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उग्रवादियों से कहा कि वे मासूमो की खून बहाना छोड़कर शांति प्रिय जिंदगी जिएं। मोदी ने नक्सलवाड़ी और पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि आतंकवाद से कुछ बी हासिल नही किया जा सकता।
इसबीच मोदी की दंतेवाड़ा यात्रा की पूर्व संध्या पर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों ने करीब 250 ग्रामीणों को अगवा कर लिया। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि सुकमा जिले में कुछ गांवों से नक्सलियों ने 200 से 250 ग्रामीणों को अगवा किया है और स्थानीय प्रशासन उनकी रिहाई के लिए कोशिश कर रहा है।
माओवादियो के गढ़ बस्तर जिले में 24000 करोड़ की लागत से बनने वाले अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट, रेल लाइन, पाइप लाइन और एक योजना की शुरुआत करने के लिए मोदी यहां आए थे।
मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि बंदूक के बदले हल को कंधे पर रखने से समस्याओं के समाधान निकाले जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल के नक्सवाड़ी में उग्रवाद का जन्म हुआ था लेकिन आज वहां शांति है।
उधर अज्ञात संख्या में माओवादी छापामारों ने मारेंगा और तोंगपाल पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आस पास के कुछ गांवों में धावा बोला तथा ग्रामीणों को पास के जंगल में ले गए। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में अपनी दिन भर की यात्रा के दौरान दक्षिण बस्तर क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह इलाका नक्सल समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित है। उधर, लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र बंधकों को रिहा कराने के लिए कोशिश कर रहा है।
एएसपी राठौर ने बताया कि बड़ी संख्या में सशस्त्र नक्सली कल देर रात अशांत तोंगपाल थाना क्षेत्र के मारेंगा और आसपास के गांवों में घुस गए और महिलाओं एवं बच्चों समेत 400 से 500 लोगों को अपने साथ ले गए। दूसरी ओर कालुरी ने कहा, ‘बंधक बनाने की बात मीडिया द्वारा गढ़ी गई कहानी है..कल कुछ माओवादी उस गांव में आए थे जहां पुल का निर्माण किया जा रहा है और वे पांच.छह मजदूरों को ले गए जो उस पुल पर काम कर रहे थे।’
उन्होंने कहा, ‘यह एक सामान्य चीज है, वहीं मारेंगा और पास के गांवों के कुछ ग्रामीण माओवादियों से बात करने और पांच.छह श्रमिकों को वापस लाने के लिए जंगल में गए.. लेकिन माओवादियों द्वारा 500..600 ग्रामीणों को बंधक बनाने की बात पूरी तरह से काल्पनिक है।’ माओवादी मारेंगा गांव में एक नदी पर पुल के निर्माण का विरोध कर रहे हैं और उन्हें आशंका है कि पुल के निर्माण से उनके खिलाफ अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को आने जाने में सुविधा होगी। माओवादियों ने प्रधानमंत्री की यात्रा का बहिष्कार करने तथा कल और आज दण्डकारण्य बंद का आह्वान किया था। वे छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित बस्तर क्षेत्र के कई हिस्सों में बहुत सक्रिय हो गए। उन्होंने किरांडुल..विशाखापत्तनम मार्ग पर रेल पटरी क्षतिग्रस्त कर दी और सड़क की नाकेबंदी कर दी।