केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और झारखंड की ऱघुवर दास सरकार लगातार विवादों में घिरी रही है। मोदी जहां नोटबंदी, अल्पसंख्यकों, दलितों पर हमले के लिए विरोधी दलों के निशाने पर रहे हैं वहीं रघुवर दास सीएनटी एक्ट, बंद होते उद्योगों, रामगढ़, पश्चिमी सिंहभूम की घटनाओं के लिए राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं। ऐसे में झारखंड में लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस को जान फूंकने के लिए पार्टी ने पूर्व गृह मंत्री आर पी एन सिंह को राज्य का प्रभारी नियुक्त किया है। झारखंड समेत पूरे देश की राजनीतिक हालात पर आर पी एन सिंह से अमलेंदु भूषण खां की बातचीत के प्रमुख अंशः
जनजीवन – झारखंड का प्रभारी आपको बनाया गया है। कांग्रेस में जान फूंकने के लिए आपकी क्या रणनीति रहेगी ?
आरपीएन सिंह- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस विश्वास के साथ यह दायित्व सौंपा है मैं उनके पैमाने पर खड़े उतरने का प्रयास करुंगा । झारखंड प्रदेश के बहुत सारे मुद्दे हैं । आदिवासियों की जमीन के मामले हैं. आम लोगों पर गोलियां चलाई जा रही हैं, बेकसूरों को जेल भेजा जा रहा है। प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम झारखंड में बेहिचक किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता रहेगी कि हम झारखंड सरकार को उखाड़ फेंकू और प्रजातंत्र के असली स्वरुप की स्थापना करुं ।
जनजीवन – झारखंड में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। सवों को एक साथ लेकर चलने के लिए आप क्या कदम उठाएंगे?
आरपीएन सिंह- मैं झारखंड के जिले से लेकर राज्य स्तर को नेताओं के साथ मंत्रणा करुंगा । सभी नेताओं की समस्याओं से अवगत होऊंगा और उसे हल करने का प्रयास करुंगा । मैं वर्षों पहले झारखंड का सह प्रभारी रह चुका हूं, इसलिए मैं काफी हद तक लोगों की मानसिकता को जानता हूं । आशा करता हूं कि मुझे किसी तरह की परेशानियां नहीं आएगी। विधायक, पूर्व विधायक, कार्यकर्ताओं से मिलने की योजना है। महिला कांग्रेस, सेवादल, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, अल्पसंख्यक वर्ग से अलग अलग मुलाकात करुंगा । कांग्रेस का क्या स्वरुप राज्य में होना चाहिए उसपर बात करुंगा। लेकिन यह साफ है कि एकजुट होकर काम करने की जरुरत है, तभी कांग्रेस झारखंड में मजबूत हो पाएगी।
जनजीवन– प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत को लेकर काफी विवाद रहा है। उन विवादों से निपटने के लिए आपकी क्या योजना है ?
आरपीएन सिंह- देखिए राजनीतिक दलों में हर आदमी हर पद नहीं पा सकता। हमारा काम है कि पार्टी में अनुशासन कायम रखना । अध्यक्ष के अनुरुप काम होना चाहिए। झारखंड में सत्ता पाने के लिए एकजुट होना बेहद जरुरी है।
जनजीवन – राज्य में रघुवर दास की सरकार है फिर भी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस जीत दर्ज की थी, इस जीत को आप किस नजरिए से देखते हैं ?
आरपीएन सिंह- भाजपा सरकार के बनने के कुछ समय बाद ही लोगों का विश्वास खोना अपने आप ही भाजपा की पोल खोलता है। इससे साफ होता है कि भाजपा झारखंड में बहुत जल्द ही लोगों का विश्वास खो दी है। चुनावी जुमले से जनता भ्रमित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय कई झूठे वादे किए थे, लोगों को सपने दिखाकर सत्ता में आए । जब सत्ता में आए तो वे वादे भूल गए। देश में नौकरियों की हालत हो या किसान की हालत हो, कानून का मसला हो, बिल्कुल दरकिनार कर दिया गया है। झारखंड में कानून व्यवस्था तो बेहद खराब है। झारखंड सरकार से लोगों का विश्वास हट गया है।
जनजीवन– क्या आप संताल परगना के लिए अलग से कोई रणनीति बनाएंगे ?
आरपीएन सिंह- इस पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। मेरे साथ दो और सह प्रभारी हैं, दोनों से बातचीत कर फैसला करेंगे। मेरी कोशिश होगी कि हरेक प्रखंड तक जाउं और पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को जान सकूं। सह प्रभारी उमंग जी और मैनउल जी अपने अपने इलाके में जाएंगे और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को जानने का प्रयास करेंगे।
जनजीवन– राज्य के विश्वविद्यालयों में एनएसयूआई की हालत नाजूक है। छात्रसंगठन को मजबूत करने के लिए आप क्या कदम उठाएंगे ?
आरपीएन सिंह– यह देश युवाओं का है। देश में नौजवानों की आवादी लगातार बढ़ रही है, देश का भविष्य इन्हीं नौजवानों पर टिका हुआ है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनीति में आने के लिए नौजवानों को एक अवसर दिया है। नौजवानों की समस्याओं को देखते हुए छात्रसंगठनों को जुझारु बनाए जाएंगे। कमजोरियों को सुधारने के लिए मैं प्रयास करुंगा।
जनजीवन – झारखंड में उद्योगों का जाल है जिसके कारण इंटक काफी मजबूत थी,लेकिन अभी बेहद कमजोर हो चुकी है। इंटक को मजबूत करने के लिए क्या रणनीति होगी आपकी ?
आरपीएन सिंह– कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद ही इसका बेहतर जवाब मैं दे सकता हूं। आपकी नजर में इंटक कमजोर हो सकती है, हो सकता है कि इंटक कमजोर ना हो। कार्यकर्ताओं से जबतक मेरी बात न हो जाती है तबतक कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
जनजीवन– आप केंद्र में गृह राज्यमंत्री रहे हैं वर्तमान हालात में देश कि स्थिति को आप किस तरह से देखते हैं ?
आरपीएन सिंह– बेहद शर्मनाक हालात हैं। बाहरी सुरक्षा का सवाल हो या आंतरिक सुरक्षा का, सभी ओर से खतरे महसूस किए जा रहे हैं। एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी ओर चीन भारत पर हमला बोल रखा है। मेरी नजर में इतना कमजोर भारत कभी नहीं दिखा है। हमारे पड़ोसी देश भारत को नीचा दिखाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। जहां तक आंतरिक सुरक्षा का सवाल है तो सीमा पर जवान जान गंवा रहे हैं तो देश के अंदर में नौजवान मर रहे हैं । लगातार मौते हो रही हैं। जम्मू कश्मीर में मानवीय अधिकारों की अवहेलना हो रही है। पूरे देश में नौजवान मौत के घाट उतारे जा रहे हैं। झारखंड में तो दिल दहलाने वाले दृश्य लोगों ने देखा है। आज देश में यह सबसे बड़ा मुद्दा है। इन दोनों मामलों पर सरकार को ध्यान देना होगा। गरीबों, अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान रोजाना हमले कर रहा है, जवान शहीद हो रहे हैं। कबतक हम उनपर आंसू बहाते रहेंगे, कितने और जवान शहीद होते रहेंगे।
जनजीवन– जम्मू कश्मीर के मामले में विदेश नीति की असफलता है या आंतरिक सुरक्षा की असफलता ?
आरपीएन सिंह– किस मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार की असफलता की बात करुं । सभी तरफ से तो मार ही मार पड़ रही है। नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय कहा था कि जब मैं सत्ता में आउंगा तो लाल आंख चीन को दिखाउंगा और पाकिस्तान के लिए तो 56 इंच का सीना है मेरे पास । वो लाल आंख और 56 इंच का सीना आज कहां चला गया । दुख की बात यह है कि कितने और जवान इस देश के शहीद होंगे।
जनजीवन– झारखंड हो या अन्य राज्य गौ रक्षक अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। भाजपा हिंदू मानसिकता उभारने की कोशिस कर रही है। आप इसे किस रुप में देखते हैं ?
आरपीएन सिंह– चुनाव के समय तो भाजपा सपना दिखाती है विकसित देश का सबका साथ, सबका विकास का दावा करती है, लेकिन हकीकत में कुछ और ही होता है। दलितों का जिस तरह से उत्पीड़न हो रहा है वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी जब झारखंड के दौरे पर गए थे तो उन्होंने कहा था कि सीएनटी एक्ट में कोई परिवर्तन नहीं होगा, आदिवासी, दलितों के कानून में परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन सरकार में आने के बाद रघुवर दास ने सीएनटी एक्ट बदल दिया । मोदी को देश के हालात से कोई मतलब नहीं है। धार्मिक उन्माद भड़का कर वोट लेना चाहते हैं। जो भी इस देश का नागरिक है वो इसे वर्दाश्त नहीं करेगा।
जनजीवन– नोटबंदी को आप किस रुप में देख रहे हैं ?
आरपीएन सिंह– नोटबंदी के समय कहा गया था कि कालाधन, आतंकवाद, उग्रवाद समाप्त हो जाएगा, लेकिन आज क्या हालात हैं वो पूरी दुनिया देख रही है। मोदी ने कहा था कि नोटबंदी से आम आदमी को फायदा होगा, लेकिन ना तो कालाधन, आतंकवाद, उग्रवाद समाप्त हुआ और ना ही आम आदमी किसी स्तर पर फायदा हुआ। आज नोटबंदी का असर यह है कि लाखों लोग बेरोजगार हो गए। आमलोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा है। अफसोस की बात यह है कि नोटबंदी के छह माह गुजर जाने के बाद रिजर्व बैंक को यह भी पता नहीं है कि कितने नोट जमा हुए है। क्या इसका लाभ गरीबों को मिला इसका जवाब मोदी सरकार से कांग्रेस पार्टी चाहती है।