जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चुनाव क्षेत्र रहे हाई प्रोफाइल फूलपुर सीट को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो चुका है। माना जा रहा है कि दलितों का मुद्दा उठाकर राज्यसभा से त्यागपत्र देने वालीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती इस सीट से उपचुनाव लड़ सकती हैं। विपक्षी दल उन्हें संयुक्त उम्मीदवार बना कर मैदान में उतार सकते हैं। फिलहाल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सांसद और प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कर रहे हैं। बीजेपी इस सीट से जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।
बीजेपी ने यहां पहली बार साल 2014 में जीत हासिल की। पार्टी के प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य को 52% वोट मिले थे। एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘यह वीआईपी सीट रही है, लेकिन फिर भी यहां कोई विकास नहीं हुआ था। 2014 में मौर्य के यहां से जीतने के बाद लोगों को यहां काम होता नजर आ रहा है। खास तौर पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। यहां से जीतना पार्टी के लिए काफी आसान रहेगा।’
बताया जा रहा है कि शाह के दौरे से वक्त फूलपुर और सीएम योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई है। मायावती के यहां से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ने की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही हैं। अखिलेश यादव ने भी हाल में इसे लेकर इशारों में कहा था कि उनकी पार्टी मायावती का समर्थन कर सकती है। हालांकि बीजेपी इन अटकलों को खारिज कर रही है। प्रदेश के एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘मायावती ने अपने पूरे करियर में हमेशा से सेफ सीट ही चुनी है। इसके अलावा बीएसपी ने कभी उपचुनाव भी नहीं लड़ा है। ऐसे वक्त में जब उनकी पार्टी का प्रदर्शन हाल के चुनावों में बेहद खराब रहा है, हमें नहीं लगता कि वह चुनाव लड़ने का जोखिम उठाएंगी।’
एक अन्य बीजेपी पदाधिकारी ने कहा कि विपक्ष की एकता छिन्न-भिन्न हो चुकी है। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव अलग-अलग राह पकड़ चुके हैं। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फूलपुर में सिर्फ 6% वोट मिले थे, पार्टी की ओर से क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को प्रत्याशी बनाया गया था। उधर समाजवादी पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि अभी तक फूलपुर उपचुनाव को लेकर पार्टी ने रणनीति तय नहीं की है। एक सीनियर बीजेपी नेता ने कहा, ‘बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के बाद, यूपी में विपक्षी एकता की संभावना बहुत कम रह गई है। फूलपुर सीट का गणित पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में है।’
यूपी का फूलपुर सीट इसलिए मशहूर है क्योंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित कई बड़ी हस्तियां यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। विजय लक्ष्मी पंडित और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह भी इस सीट का प्रतिनिधित्व संसद में कर चुके हैं। नेहरू यहां से तीन बार सांसद रहे, एक बार उन्होंने राम मनोहर लोहिया को भी यहां से हराया था। समाजवादी पार्टी के पास यह सीट 1996 से लेकर 2004 तक रही।