जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: वादी में आतंक को हवा दे रहे लश्कर कमांडर अबु दुजाना को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। पिछले करीब एक साल में बुरहान वानी, सबजार बट को मुठभेड़ में ढेर किये जाने के बाद सुरक्षाबलों ने अबु दुजाना को मारकर बड़ी सफलता हासिल की है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दुजाना की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, ‘लश्कर-ए-तैयबा कमांडर अबु दुजाना और उसके साथियों को पुलवामा एनकाउंटर में मार गिराया गया है।’
पुलिस ने एक स्थानीय आतंकवादी आरिफ लालिहारी के मारे जाने की भी पुष्टि की है। सुरक्षा बलों को पुलवामा के हकीरपुरा गांव में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद मंगलवार सुबह सर्च ऑपरेशन शूरू किया गया। तभी आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को स्थानीय लोगों की पत्थरबाजी का भी सामना करना पड़ा। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के दौरान सैंकड़ों की संख्या में पत्थरबाजी कर रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया। इस दौरान दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लश्कर-ए-तैयबा कमांडर पिछले करीब 7 सालों से कश्मीर में एक्टिव था। शातिर दुजाना को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने कई बार ऑपरेशन चलाए थे। लेकिन हर बार वह चकमा देने में कामयाब रहा।
घाटी में कई हमलों के मास्टरमाइंड दुजाना पर 10 लाख रुपये का इनाम था। पंपोर और उधमपुर आतंकी हमले में नाम आने बाद दुजाना सुरक्षाबलों की हिस्ट लिस्ट में शामिल हो गया था। जांच में पाया गया था कि दुजाना पंपोर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है।
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पिछले साल जुलाई में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी और बाद में सबजार बट के मारे जाने के बाद दुजाना दक्षिण कश्मीर में काफी सक्रिय था।
दुजाना ने मात्र 17 साल की उम्र में कश्मीर में आतंकी अबू कासिम के साथ काम शुरू किया था। कासिम के 2015 में मारे जाने के बाद कश्मीर में लश्कर की जिम्मेदारी दुजाना को मिली थी। वह गिलगित-बाल्टिस्तान का रहने वाला था।
बताया जा रहा है कि वह पांच बार सुरक्षा बलों को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा था, लेकिन मंगलवार को सेना के जवानों ने उसे इस तरह घेरा कि उसके लिए भागना नामुमकिन हो गया। जानकारी के मुताबिक, वह अपनी पत्नी से मिलने के लिए गांव आया था। इसी दौरान सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर उसे घेर लिया। पुलिस ने बताया है कि दुजाना खूंखार आतंकी होने साथ-साथ बहुत बड़ा अय्याश भी था और इलाके की लड़कियों के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका था।
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पिछली बार एनकाउंटर के दौरान उसका आईफोन मौके पर छूट गया था। इस आईफोन के सहारे भी सुरक्षा बलों को उसकी मूवमेंट का पता चला। सुरक्षा बल इसके जरिए लगातर दुजाना की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे। मंगलवार की सुबह उसे पुलवामा जिले के हकड़ीपोरा गांव में घेर लिया गया। बताया जा रहा है कि वह अपनी पत्नी से मिलने के लिए गांव में आया था। सुरक्षा बलों को इस बात की जानकारी पहले से थी कि दुजाना अपनी पत्नी से मिलने के लिए वक्त-वक्त पर यहां आता रहा है। इसके पहले भी दो बार उसे यहां देखा गया था। ऐसे में उसके यहां आने की टाइमिंग को बहुत बारीकी से नोटिस किया गया। इस बार जैसे ही उसके आने की खुफिया सूचना मिली, पुलिस और सुरक्षा बल के जवान सादे कपड़ों में वहां पहुंच गए। दो घंटे बाद मौके पर अतिरिक्त फोर्स पहुंची।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और उसके स्पेशन ऑपरेशन ग्रुप की अगुवाई में पूरे इलाके को घेर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। पुलिस को सेना की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 55 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ का सहयोग मिला। खुफिया जानकारी की पुष्टि होने के बाद सुबह 4.30 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया था। सर्च ऑपरेशन में पता चला कि दोनों आतंकी एक घर के अंदर छिपे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पहले हर संभव कोशिश की गई, लेकिन जब आतंकी बाहर नहीं आए तो इमारत को उड़ाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा। जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी दुजाना के मारे जाने की पुष्टि कर दी है।
पुलिस ने बताया दुजाना, लश्कर के A प्लस प्लस कैटिगरी का आतंकी था। यह कैटिगरी सबसे खूंखार आतंकियों को दी जाती है। सेना की ओर से जारी की गई मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में भी दुजाना शामिल था। उस पर 15 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था, लेकिन उसे मार गिराने की कोशिशें लगातार नाकाम हो रही थीं। पुलिस ने बताया है कि दुजाना जम्मू-कश्मीर में अय्याशी किया करता था। अय्याशी के लिए वह किसी भी घर में घुस जाया करता था। एक तरह से वह इलाके की लड़कियों के लिए भी खतरा बन गया था। पुलिस के मुताबिक, ‘वह बहुत ज्यादा हमलों में शामिल नहीं था, वह बस यहां अय्याशी कर रहा था, वह अय्याश था।’