जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस को आज कराड़ा झटका लगा । गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में नोटा का इस्तेमाल रोकने के लिये न्यायालय ने आठ अगस्त को होने वाले इस चुनाव में नोटा का उपयोग नहीं किये जाने की कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने गुजरात कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुये कहा कि यह एक संवैधानिक मुद्दा है जिस पर बहस आवश्यक है।
न्यायालय ने चुनाव आयोग से कांग्रेस की याचिका पर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा और अब 18 सितंबर को इस पर विस्तृत सुनवाई करेगा।
कांग्रेस ने कहा कि अगर नोटा का ऑप्शन बंद नहीं किया गया तो गुजरात चुनाव में यह भ्रष्टाचार का सबब बन सकता है क्योंकि मुकाबला बेहद कड़ा है। कांग्रेस की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीट पर चार कैंडिडेट्स खड़े हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विधायकों को नोटा का विकल्प देने के मुद्दे पर 18 सितंबर को विस्तृत सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से जुड़ा नोटिफिकेशन काफी पहले 2014 में जारी किया था, ऐसे में कांग्रेस को इसकी खामियां इस वक्त क्यों नजर आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, यह एक संवैधानिक मुद्दा है, जिसपर बहस की जरूरत है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह कांग्रेस की याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब दे।
न्यायालय ने कांग्रेस के वकील से कहा कि जनवरी 2014 में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के बाद से हुए कई राज्यसभा चुनाव हुए, उस वक्त आप कहाँ थे और अब जबकि ये आपके फेवर में नही है तब इसे क्यों चुनौती दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर सुनवाई के लिए तैयार है कि राज्यसभा चुनाव में NOTA का प्रावधान संवैधानिक है या नहीं, लेकिन सवाल ये है कि केवल इसी चुनाव के लिए ही क्यों ? चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद NOTA का प्रावधान किया गया है और उसके बाद कई चुनाव हुए जिसमे NOTA का इस्तेमाल भी हुआ।
बता दें कि बीजेपी भले ही नोटा का इस्तेमाल नहीं किए जाने के पक्ष में है, लेकिन एनडीए सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रणनीतिक चुप्पी साध रखी है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल को लेकर ईसी की ओर से 24 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन से सरकार का कोई संबंध नहीं है।
गुजरात की सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल होने जा रहा है। बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से एकमात्र उम्मीदवार अहमद पटेल हैं। कांग्रेस ने नोटा के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग बिना संवैधानिक संशोधन के राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल नहीं कर सकता। कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर हुए राजनीतिक विवाद पर करारा जवाब दिया। आयोग ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा चुनाव में बैलट पेपर में नोटा के इस्तेमाल करने की पहली घटना नहीं है। आयोग ने आंकड़ों के साथ कहा कि 2014 से लेकर अब तक राज्यसभा के चुनाव 25 बार हुए जिनमें 95 सीटों पर वोटिंग हुई। इन सभी सीटों पर नोटा का इस्तेमाल हुआ था।