जनजीवन ब्यूरो / पेइचिंग । डोकलाम मुद्दे पर भारत और चीन के बीच पर्दे के पीछे बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। उधर, चीनी मीडिया के राष्ट्रवादी विचारों के कारण पेइचिंग ने नई दिल्ली के साथ सीमा विवाद पर कड़ा रुख अपना रखा है। हालांकि बातचीत की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि चीन इस मसले का समाधान अगले महीने होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले चाहता है।
अगले महीने होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हो सकती है। राजनयिकों का कहना है कि पेइचिंग इस सम्मेलन से पहले सीमा विवाद हल करने की पूरी कोशिश करेगा। ब्रिक्स की बैठक चीन के शहर शियामिन में सितंबर के पहले हफ्ते में होनी है। चीन इस बैठक में विकासशील देशों के साथ आपसी सहयोग और दोस्ताना रवैया दिखाना चाहता है। भारत और चीन के अलावा, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के अन्य देश हैं।
हालांकि डोकलाम पर चीन के रवैये को देखते हुए ऐसा हो पाना मुश्किल लग रहा है। बुधवार को चीन ने डोकलाम पर रटा-रटाया जवाब ही दिया था। चीन ने भारत पर डोकलाम में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश करने का आरोप लगाया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘चीन अपने हित की रक्षा के लिए सभी तार्किक और कानूनी तरीका इस्तेमाल करने को स्वतंत्र है।’
2014 में भी भारत और चीन के बीच ऐसा ही सीमा विवाद हुआ था, लेकिन चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग की भारत यात्रा से पहले दोनों पक्षों ने सीमा से सेनाएं हटा ली थीं। 1962 के युद्ध के अलावा कभी भी भारत-चीन सीमा पर गोली नहीं चली है।
इस बीच, चीनी और भारतीय मीडिया डोकलाम पर कठोर रवैया अपनाए हुए है। चीन के सरकार अखबार ने तो पिछले हफ्ते युद्ध तक की धमकी दे दी थी। दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से वाकिफ पेइचिंग के एक सूत्र ने कहा, ‘सबसे ज्यादा मुश्किल मीडिया की है और दोनों देश का मीडिया चीजों को बढ़ाकर पेश कर रहा है।’
भारत सरकार ने सभी पार्टियों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह करते हुए राजनयिक मोर्चे पर समस्या के समाधान की बात कही है। सेना से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि चीन किसी संघर्ष का इच्छुक नहीं है, लेकिन इस मुद्दे पर कमजोर भी नहीं दिखना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी डोकलाम पर लड़ना नहीं चाहता है, अगर भारत लगातार मुश्किलें खड़ी करता रहा तो हमें भी कड़े कदम उठाने होंगे।’
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब डेढ़ महीने से डोकलाम के मुद्दे पर तनातनी जारी है। चीन भारत से डोकलाम से लगातार सेना हटाने की मांग कर रहा है। पेइचिंग का कहना है कि सेना हटाने के बाद दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत होगी। मामले से वाकिफ एक अन्य एशियाई राजनयिक ने बताया कि चीन चीजों को बिगाड़ना नहीं चाह रहा है। उन्होंने कहा, ‘वास्तव में चीन ब्रिक्स सम्मेलन से पहले इस मसले का समाधान चाहता है। चीन नहीं चाहता है कि इस विवाद से सम्मेलन का माहौल खराब हो।’