जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: पिछड़ा वर्ग आयोग बिल जिस दिन राज्यसभा में पास होना था उस दिन बीजेपी के ज्यादातर सांसद राज्यसभा में नदारद थे. मौका मिलते ही कांग्रेस ने इस आयोग में एक महिला और एक अल्पसंख्यक को भी शामिल करवा दिया. मूल विधेयक में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित तीन सदस्यीय आयोग का प्रस्ताव किया गया है. इसी संशोधन के साथ ये बिल राज्यसभा से पास हुआ. अब इस लापरवाही का ठीकरा बीजेपी कांग्रेस पर फोड़ रही है. इसी रणनीति के तहत आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला किया.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा न दिलाकर कांग्रेस की पिछड़ा विरोधी मानसिकता सामने आ गयी है. शाह अभी हरियाणा के दौरे पर हैं. अमित शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विश्वास जताया कि मोदी सरकार ने इतने काम किए हैं कि 2019 में वापसी निश्चित है.
पिछड़ा वर्ग आयोग को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “देश के पिछड़े वर्ग के लिए 1955 से मांग थी कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता दी जाए. देश के पिछड़े वर्ग के दायरे में आने वाले करोड़ों लोगों को आस थी कि संवैधानिक दर्जा मिलने से उनका सम्मान बढ़ेगा. आज तक किसी सरकार ने इसके लिए कोई काम नहीं किया. बीजेपी की सरकार आने के बाद इसे लेकर एक प्रयास किया गया.”
अमित शाह ने आगे कहा, ”इसके लिए एक बीजेपी सरकार एक संविधान संसोधन और एक बिल लेकर आयी है. लोकसभा से हमारा बिल पास भी हो गया लेकिन कांग्रेस राज्यसभा में ऐसा संशोधन लेकर आयी जिससे पूरा बिल कानूनी पचड़े में पड़ जाएगा. जिसके कारण इस बिल को कोई स्वीकार नहीं कर सकता.”
अमित शाह ने कहा, ”बीजेपी ने इसे लेकर अपनी बात रखी लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने अपने संशोधन को बनाए रखा और बिल को गिरा दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि 1955 से लेकर आजतक देश का पिछड़ा वर्ग का नागरिक जिस सम्मान के लिए तरस रहा था उस सम्मान से उसे अब कुछ समय के लिए और महरूम रहना होगा.”
आपको बता दें कि पिछड़ा आयोग के बिल को कांग्रेस का कहना था कि आयोग में एक महिला और एक अल्पसंख्यक को भी शामिल किया जाए. मूल विधेयक में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित तीन सदस्यीय आयोग का प्रस्ताव किया गया है. इसी संशोधन के साथ ये बिल राज्यसभा से पास हुआ. लेकिन सरकार को यह संशोधन स्वीकार नहीं है इसलिए इस बिल को एक बार फिर राज्यसभा भेजा गया है.