जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । समाजवाद पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को राज्यसभा में ऐसी टिप्पणी कर दी जो काफी सुर्खियों में है। राज्यसभा में अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सरकार सदन के अन्य सदस्यों से ‘मजदूर’ की तरह काम कराना चाहती है।
नरेश अग्रवाल ने यह बात उस समय कही जब बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में पास होने के लिए लाए जाने वाले बिल के बारे में बताया। मुख्तार अब्बास नकवी ने ने अंत में कहा कि काफी बिल हैं।
नरेश अग्रवाल ने ‘मेरी आपत्ति है’ कहकर अपनी बात शुरू कर दी। अग्रवाल ने कहा, ‘मेरी आपत्ति यह है कि 7 तारीख को छुट्टी है, 8 को सदन चलेगा, 9 अगस्त को भारत छोड़ो के नारे का उत्सव मनाया जा रहा है, 10 को चेयरमैन साहब का फेयरवेल है और 11 को नए चेयरमैन आएंगे। इस पूरे कार्यक्रम में बिल कब पास होगा। आप चाहें तो सत्र एक हफ्ते के लिए बढ़ा सकते हैं। यह सब करते हुए जीरो आवर्स खत्म कर दिए गए हैं।’
इस पर स्पीकर ने कहा कि ये बिल पेश होने के बाद दूसरे सदस्य उसे पढ़ सकते हैं। इसके बाद नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘सरकार अगर हम पर कुछ थोपना चाहे तो हमें विरोध करने का अधिकार है। ज्यादा बिल की वजह से जबरदस्ती रात को 10 बजे तक सेशन चलाया जाएगा। ये लोग हमें बंधुआ मजदूर बनाकर हमसे काम करना चाहते हैं। हम कैसे इन बिलों को पास करेंगे।’
बता दें कि इससे पहले गाय और राम को लेकर नरेश अग्रवाल की टिप्पणी पर सदन में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था। इस विवाद पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में अग्रवाल से माफी की मांग की थी। हालांकि बाद में ये शब्द सदन से हटा दिए गए थे।