जनजीवन ब्यूरो / मुंबई : गेरुवा रंग से पटे मुंबई की सड़कें से महाराष्ट्र के सीएम सहम गए और देवेंद्र फडणवीस ने क्रमबद्ध आरक्षण देने की घोषणा कर दी । सरकार ने सीधे तौर पर आरक्षण की मांग को तो नहीं माना है, लेकिन उस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अहम कदम उठाने की बात कही है। सीएम ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रिफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कमिशन से निवेदन करेगी कि वह तेजी से काम करे और अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में जमा करे।
इसके अलावा एक और बड़ा ऐलान करते हुए सीएम ने कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही है। फिलहाल ओबीसी वर्ग के छात्रों को 605 स्ट्रीम्स में छूट मिलती है, जो अब मराठा समुदाय को भी दी जाएंगी। साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि हर जिले में मराठा छात्रों के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों को 5 करोड़ का फंड दिया जाएगा।
साथ ही सीएम ने कहा कि कोपर्डी गैंगरेप केस को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। पिछले पांच महीनों के दौरान सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने 31 गवाहों को वेरिफाइ किया है, लेकिन पीड़ितों के वकील अब मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि यह मामला मराठा समुदाय की प्रमुख मांगों में शामिल है। समुदाय चाहता है कि पिछले साल अहमदनगर के कोपर्डी में नाबालिग के गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। समुदाय दलित उत्पीड़न रोकथाम कानून में भी बदलाव की मांग कर रहा है क्योंकि उसका आरोप है कि इस कानून का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।
क्या है कोपर्डी कांड
माना जाता है कि मराठा आंदोलन में लाखों लोगों के हिस्सा लेने के पीछे पिछले साल अहमदनगर के कोपर्डी में एक नाबालिग की गैंगरेप के बाद मर्डर की वारदात है। इस वारदात के बाद समुदाय में जबरदस्त आक्रोश फैला जिसके बाद पिछले साल लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे। बता दें कि पिछले साल 13-14 जुलाई को अहमदनगर जिले के कोपर्डी गांव में एक मराठा लड़की लापता हो गई थी। बाद में गांव के एक खेत में उसका शव मिला था। गैंगरेप के बाद लड़की को मार डाला गया था। कोपर्डी कांड के आरोपी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यही वजह है कि इस कांड के बाद मराठाओं में दलितों के प्रति भी आक्रोश बढ़ा।
इसके पहले बुधवार को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के साथ अपनी कई अन्य मांगों के समर्थन में महाराष्ट्र का मराठा समुदाय मुंबई में सड़कों पर उतरा। भायखला जू से आजाद मैदान तक हजारों की तादाद में मराठा समुदाय के लोगों ने मार्च निकाला। इस मार्च में बड़ी तादाद में युवा शामिल हुए। महिलाओं की भी अच्छी-खासी तादाद रही। मार्च के आयोजक मराठा क्रांति मोर्चा का दावा है कि इस मार्च में प्रदेशभर से करीब 6 लाख मराठा शामिल हुए। पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में भी महाराष्ट्र के तमाम जिलों में मराठा समुदाय के लोगों ने लाखों की तादाद में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था।