जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली NEET में अलग-अलग प्रश्नपत्र बनाने पर सीबीएसई को फटकार लगायी है. कोर्ट ने सभी भाषाओं के प्रश्नपत्र एक समान सुनिश्चित करने की हिदायत दी है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने इस मुद्दे को उठाया था और उन्होंने यह जानने की कोशिश की थी कि आखिर क्यों हिंदी और अंग्रेजी के प्रश्नपत्र की तुलना में क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र कठिन होते हैं. देश भर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए सीबीएसई NEET परीक्षा का आयोजन करता है.
इस वर्ष सात मई को परीक्षा आयोजित की गयी थी और 23 जून को रिजल्ट घोषित हुआ था. देश भर में कुल 10 भाषाओं में सीबीएसई यह परीक्षा आयोजित करवाता है. हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त यह परीक्षा गुजराती, मराठी, ओड़िया, बंगाली, आसामी, तेलुगू, तमिल और कन्नड़ भाषा में आयोजित की जाती है.