जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने दूरदर्शन और आकाशवाणी पर आरोप लगाया है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उसने उनका भाषण प्रसारित करने से मना कर दिया. सरकार ने कहा कि प्रसार भारती ने पत्र लिखकर भाषण में बदलाव करने को कहा था, जिसे उन्होंने मना कर दिया, जिसके बाद भाषण का प्रसारण काट-छांट कर किया गया. उन्होंने इस कदम को आलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु बताया.
हालाँकि प्रसार भारती की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 15 अगस्त 2015 को दूरदर्शन ने सीएम के कार्यक्रम और उसकी रिपोर्ट 29 मिनट और 45 सेकंड तक चलाई. इसमें से सीएम की स्पीच करीब 12 मिनट की थी. यह टेलिकास्ट शाम 7 बजे हुआ.
उन्होंने भाषण रिकॉर्ड करने का आग्रह मुझसे किया था. 12 तारीख की शाम को यह रिकॉर्ड किया गया था. यह तय किया गया था कि 15 अगस्त की सुबह को इसे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा.
14 अगस्त की शाम को उन्होंने एक पत्र भेजा, जिसमें मुझसे मेरे भाषण में बदलाव करने का अनुरोध किया गया. मैंने इनकार कर दिया. फिर स्पीच को एडिट कर प्रसारित किया गया. यह एक गैर लोकतांत्रिक कदम है. यह असहिष्णुता भरा कदम है.
उन्होंने कहा मैंने अपने भाषण में साम्प्रदायिकता, असमानता और बेरोजगारी पर सवाल उठाए थे. उन्हें यह अच्छा नहीं लगा. यह ठीक नहीं है. ऐसा इमरजेंसी के समय होता था.
एक स्वशासी संस्थान को लेकर सरकार की आलोचना करने के सवाल पर माणिक ने कहा मैंने अपने भाषण में जो प्रश्न उठाए थे, उसे सही और गलत ठहराने वाला प्रसार भारती कौन होता है? वह भाषण बदलने का हुक्म नहीं दे सकता है. इसलिए मैंने विरोध किया है. आखिर हमारा देश किस दिशा में जा रहा है. मुझे लगता है कि जनता को इस दिशा में सोचना शुरू करना चाहिए.
मौजूदा देश के हालात पर उन्होंने कहा आप सबकुछ मुझसे ही क्यों उगलवाना चाहते हैं? मैंने अपने भाषण में यह सबकुछ स्पष्ट किया है.
त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा के चुनाव पर माणिक ने कहा मेरा कोई प्रतिद्वंदी नहीं है. जनता मेरे साथ है. हमने जनता के साथ कुछ भी गलत नहीं किया है. इसलिए मुझे लगता है कि वे लोग हमारा समर्थन करेंगे.