जनजीवन ब्यूरो / जयपुर । लिव इन रिलेशनशिप को लेकर तमाम तरह की बातें होती रहती है। लिव-इन-रिलेशनशिप अक्सर विवादों में रहता है। यह एक अनूठा रिश्ता है जिसमे शादी की पुरानी मान्यता को दरकिनार करते हुए जोड़े साथ रहते है और ठीक उसी तरह से अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे के लिए निभाते है जैसा शादी के बाद एक जोड़ा निभाता है।
राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने लिव इन रिलेशनशिप को ‘समाजिक आतंकवाद’ करार दिया है। झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस और राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जज ने कहा कि ‘यह कैसी आजादी है जिसमें समाज को बिना बताए किसी के साथ रहा जाता है इससे समाज कलंकित होता है।’
जयपुर के स्थानीय अखबार से बातचीत में उन्होंने बताया कि ‘लिव-इन-रिलेशेन पर पाबंदी लगनी चाहिए जिसके लिए कानून की जरूरत है जैसे शादी के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया गया है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘दो लोग साथ रहकर समाज की प्रतिषठा को दांव पर नहीं लगा सकते, शादी की तरह ही लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होना चाहिए।’