जनजीवन ब्यूरो / चेन्नई । जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु में दो धड़ों में बंटे AIADMK के नेता पुराने गिले शिकवे मिटाकर आज दोपहर एक हो गए। सुलह के बाद ओ. पन्नीरसेल्वम को राज भवन में डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई।
उन्हें वित्त मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय सौंपा गया है। पन्नीरसेल्वम के अलावा राज्यपाल सी.वी. राव ने के. पंडियाराजन ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
इस विलय से सबसे बड़ा झटका पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी शशिकला को लगा, जिनका अब राजनीतिक हाशिये पर जाना तय है।
दोपहर दो बजे के करीब दोनों गुट AIADMK हेडक्वार्टर पहुंचे और बातचीत शुरू हुई। बैठक के लिए निकलने से पहले खुद पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। आधे घंटे की बातचीत के बाद ही दोनों गुटों ने एक होकर विलय की घोषणा कर दी। वहीं इस दौरान इस पर भी सहमति बनी कि पार्टी महासचिव रही शशिकला को भी पार्टी से बाहर कर दिया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, पलानीस्वामी शशिकला को निकालने की घोषणा कर सकते हैं. हालांकि विलय के दौरान ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई. संभव है कि पलानीस्वामी के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी प्रमुख वीके शशिकला के संबंध में कुछ घोषणा करें, क्योंकि पनीरसेल्वम समूह उन्हें पार्टी से निकालने जाने पर अड़ा हुआ है.
गौरतलब है कि शशिकला जयललिता की लंबे समय तक दोस्त रहीं और उन्होंने दिसंबर में उनकी मौत के बाद पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. इस दौरान पनीरसेल्वम ने विद्रोह कर दिया. शशिकला की योजनाओं पर उस समय पानी फिर गया जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट द्वारा चार साल की सजा सुना दी गई. जेल जाने से पहले उन्होंने नए मुख्यमंत्री के तौर पलानीस्वामी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया था.
मुख्यमंत्री का धड़ा पहले ही 10 अगस्त के अपने प्रस्ताव में पार्टी प्रमुख के भांजे और पार्टी के उपमहासचिव टीटीवी दिनाकरण को बाहर का रास्ता दिखाकर विलय का मंच तैयार कर चुका था. उधर, दिनाकरण के नेतृत्व वाले धड़े ने इसे ड्रामा बताते हुए इसका मजाक उड़ाया है. उनके समूह का कहना है कि उनके नेता के पास विलय के संबंध में लिये जाने वाले फैसले पर ‘रोक लगाने की क्षमता है.’