जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पूण्य तिथि तो कांग्रेस पार्टी मना रही है लेकिन उनके अधूरे काम को पार्टी नरअंदाज कर रही है। हिन्दू समुदाय को खुश करने के लिए दशकों से बंद रामजन्मभूमि का ताला खोलवाकर पूजा की अनुमति दे दी । लेकिन अबतक मंदिर निर्माण की अड़चनों को दूर नहीं करवाया जा सका है।
राजीव गांधी राजनीति में कभी नहीं आना चाहते थे और राजनीति में उनकी रूची न के बराबर थी लेकिन उनके भाई संजय गांधी के मरने के बाद राजनीति में उन्हें मजबूरन आना पड़ा । संजय गांधी राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते थे ।
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के मरने के बाद राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने । उन्होंने कांग्रेस पार्टी में कई नया युवा चेहरे लाने की कोशिश की । कांग्रेस पार्टी उनके नेतृत्व में पहले से कहीं ज्यादा युवा दिखने लगी ।
राजीव गांधी को शुरूआत के दौर में मिस्टर क्लीन के रूप में जाना जाता था । लेकिन आगे चलकर उनपर बोर्फोस घोटाले के दाग लगे । दस साल तक केंद्र में काबिज मनमोहन सिंह की सरकार ने बोर्फोस घोटाले की सच्चाई को सामने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
राजीव गांधी पर धार्मिक तुष्टीकरण का आरोप लगा तलाकशुदा महिला शाहबानों मामले में अदालत ने पति को भरण पोषण का आदेश दिया । मुसलिमों संगठनों के विरोध के बाद राजीव गांधी ने संसद में एक प्रस्ताव लाकर फैसले को पलट दिया ।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की श्रीपेरेम्बदूर में चुनाव प्रचार के दौरान 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गयी थी. भारत में सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी को देश में टेलीफोन और कम्पयूटर क्रांति के वाहक के रूप में याद किया जाता है ।
राजीव गांधी का विज्ञान और तकनीक में खासा जोर रहता था । उन्हे भारत में टेलीकॉम और सूचना क्रांति का सूत्रधार माना जाता है । उनके कार्यकाल के दौरान ही एमटीएनएल महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड का गठन हुआ ।
राजीव गांधी की 21 मई 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान तामिलनाडु के श्रीपेरेम्बदूर में आत्मघाती हमले के दौरान हत्या हो गयी ।