अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली : हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बावजूद बीजेपी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से हटाने के मूड में नहीं है। हालांकि, शुक्रवार को खबरें आईं थीं कि पार्टी आलाकमान और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा की घटनाओं से नाराज हैं, लेकिन शनिवार को पार्टी के सूत्रों ने साफ कर दिया कि खट्टर को लेकर पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है। शनिवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा के प्रभारी डॉ. अनिल जैन और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से बातचीत की और हालात की जानकारी ली।
सूत्रों की मानें तो इस बातचीत के बाद पार्टी अध्यक्ष खट्टर को हटाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि खट्टर ने राम रहीम के मामले को जिस तरह से हैंडल किया है, उसमें पार्टी आलाकमान की भी सहमति थी। पार्टी भी नहीं चाहती थी कि डेरा समर्थकों के साथ पहले से किसी तरह की सख्ती बरती जाए। सूत्रों का कहना है कि खट्टर सरकार ने दलील दी कि डेरा समर्थकों पर इसलिए पहले कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि डेरा समर्थक शांत थे। ऐसे में अगर पहले ही उन पर सख्ती की जाती तो उससे भड़कने वाली हिंसा के लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार मान लिया जाता।
पार्टी का तर्क है कि जब भीड़ हिंसक हुई तो उसके बाद सरकार ने फौरन कदम उठाए और कुछ घंटों के भीतर ही हिंसा पर नियंत्रण पा लिया गया। दूसरी तरफ, जिस तरह से शुक्रवार शाम को ही पार्टी के कुछ सांसदों और नेताओं ने राम रहीम के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया था, उससे संकेत मिलने लगे थे कि खट्टर को हटाने पर विचार नहीं किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि जब पंचकूला में बाबा समर्थक एकत्र हो रहे थे और खट्टर सरकार पर इस मामले में कार्रवाई न करने के आरोप लग रहे थे। उस दौरान भी पार्टी आलाकमान को पूर मामले की जानकारी थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी फिलहाल खट्टर को हटाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि अगर बाद में किसी तरह का दबाव बनता है, तब पार्टी बाद में इस पर विचार करेगी, लेकिन फिलहाल खट्टर ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।