साल 2002 में सामने आए इस केस में राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 511 और 506 धारा के तहत केस चल रहा था. 25 अगस्त को पंचकूला में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था. डेरा समर्थकों की हिंसा को देखते हुए इस बार सजा पर फैसले की सुनवाई के लिए रोहतक जेल में ही कोर्ट बनाया गया था.
जज जगदीप सिंह के कोर्ट रूम में पहुंचते ही कार्यवाही शुरू कर दी गई. दोनों पक्षों के वकील ने जज के सामने अपना-अपना पक्ष रखा. इस दौरान बाबा रहीम चुपचाप खड़ा रहा. दोनों वकीलों की दलील सुनता रहा. सुनवाई के दौरान राम रहीम के आंसू निकल आए. वह खूब रोया. रोते हुए राम रहीम ने जज से माफी भी मांगी.
इस केस की पूरी कार्यवाही खत्म होने के बाद भी राम रहीम फर्श पर बैठा रोता रहा. उसने कहा कि वह कोर्ट रूम से नहीं जाएगा. इसके बाद वकीलों ने उसे समझया. उसे जबरन कोर्ट रूम से बाहर निकाला गया. अब राम रहीम को आने वाले 10 साल के लिए कैदी नंबर 1997 का तमगा मिल गया है. महलों का ठग जेल की सलाखों के पीछे हैं.
साध्वी यौनशोषण मामले में राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई है। दोनों पक्षों को अपने-अपने पक्ष में दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। राम रहीम भी कोर्ट में मौजूद है। उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं। जज ने फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है।
सुनरिया जेल में डेरा प्रमुख की सजा पर सुनवाई के दौरान बाबा के वकीलों ने बचाव पक्ष में कहा कि डेरा प्रमुख सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। डेरा प्रमुख के वकील एसके नरवाना ने कहा कि बाबा ने कई समाज सेवा के काम किए हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए। उन्होंने बताया कि बाबा ने 133 समाज सेवा के काम किए हैं। वे नरमी के हकदार हैं। उन्होंने डेरा प्रमुख की जेल बदलने की मांग की है। वहीं सीबीआइ के वकीलों ने कहा कि वकील ने कहा कि अब कोई संशय नहीं है। साध्वियों का यौन शोषण किया गया है। भावनाओं का दोहन किया है डेरा प्रमुख है। उसे मिलने वाली सजा कम है। सीबीआइ वकीलों ने डेरा प्रमुख के लिए उम्रकैद की सजा मांगी है।
सजा को लेकर हरियाणा व पंजाब अलर्ट पर हैं। सुरक्षा का मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है।
यह पहली बार होगा जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम को न्यूनतम सात साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। 15 साल पुराने इस मामले में सब्र और हिंसा के बाद पीडि़त साध्वियों को न्याय मिलेगा।
सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर के जरिए रोहतक स्थित सुनारिया जेल पहुंचे। उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। सजा सुनाने के बाद जगदीप सिंह को तुरंत कड़ी सुरक्षा में वापस लाया जाएगा। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की जा चुकी है। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। यदि कोई उपद्रव होता है तो देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं।