जनजीवन ब्यूरो / गोरखपुर । पूर्वी यूपी की जीवन रेखा कहे जाने वाली बीआरडी मेडिकल कॉलेज बच्चों के लिए कब्रिस्तान साबित हो रहा है. पिछले 72 घंटे में 61 बच्चों ने दम तोड़ा है. कुछ समय पहले ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि बीआरडी के प्राचार्य डा. पी के सिंह इसे सामान्य मौत बता रहे हैं.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. पीके सिंह ने बताया
-27 अगस्त की रात 12 बजे तक 17 बच्चों की मौत हुई है
-वहीं 28 अगस्त को 25 बच्चों की मौत हुई है
-27 की रात 12 बजे तक जो मौतें हुई हैं उनमें 6 एनआईसीयू में हुई हैं
-वहीं 11 मौतें पीआईसीयू में हुई हैं
-कुल भर्ती मरीजों की संख्या 27 अगस्त को 342 रही है
-28 अगस्त को एनआईसीयू में 10 और पीआईसीयू में 15 मौतें हुई
-15 में 7 की मौत एईएस से हुई है
-48 घंटे में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या मात्र 7 है
प्राचार्य ने बताया कि 72 घंटे में कुल 61 मौतें हुई हैं, इनमें नवजात और बच्चे शामिल हैं. डा. सिंह का कहना है कि इस समय अस्पताल में बहुत ज्यादा बच्चे आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास कुल 344 बेड हैं. जबकि 344 बच्चे वर्तमान में भर्ती हैं.
डा. सिंह ने इन मौतों को सामान्य मौत बताई है. डॉ के अनुसार, उनके पास बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में यह बच्चे हमारे पास आ रहे हैं जो आधे या एक घंटे ही सर्ववाइव कर रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले इसी अस्पताल में 10-11 अगस्त को ऑक्सीजन की कमी के कारण 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि सरकार ने ऑक्सीजन की कमी की बात खारिज कर चुकी है. बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन और यूपी सरकार पर सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. इस मामले पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है.
समिति की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल राजीव मिश्र, उनकी पत्नी और इंसेफलाइटिस वार्ड के इंचार्ज डॉ कफील खान समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है.
वहीं यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को मंगलवार को कानपुर से गिरफ्तार कर चुका है. बच्चों की मौत के बाद दोनों पिछले काफी वक्त से फरार चल रहे थे.