जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय के पर फिर कतर दिए हैं. मुकुल रॉय को पार्ल्यामेंट की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष (ट्रांसपॉर्ट व टूरिजम) पद से हटा दिया गया है. अब उनकी जगह राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन यह जिम्मेदारी संभालेंगे.
मुकुल रॉय को पहले ही राज्यसभा में टीएमसी के नेता पद से हटा दिया जा चुका है. दिलचस्प बात यह है कि कुछ साल पहले तक मुकुल रॉय को ममता बनर्जी का बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था. तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में उनकी पहचान थी. ऐसे में हालिया दिनों में मुकुल रॉय के खिलाफ उठाए गए इन कदमों से साफ हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस में उनके (मुकुल रॉय) दिन लद चुके हैं.
सियासी हलकों में चर्चा है कि मुकुल रॉय की बीजेपी नेताओं से नजदीकियां बढ़ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकुल रॉय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मिल चुके हैं. ऐसे में इसकी संभावना है कि पश्चिम बंगाल में मजबूती से पैर पसारने में जुटी बीजेपी में मुकुल रॉय शामिल हो सकते हैं. यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस आलाकमान ने मुकुल रॉय के खिलाफ यह सख्त कदम उठाया है.
बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी सांसद केडी सिंह के नाम आने पर पार्ल्यामेंट की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष (ट्रांसपॉर्ट व टूरिजम) की पद की जिम्मेदारी मुकुल रॉय को सौंपी गई थी. इसके बाद से सियासी रूप से मुकुल रॉय लगातार कमजोर हो रहे हैं.
चर्चा तो यह भी है कि बंगाल में 2016 विधानसभा चुनाव से पहले मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस को सियासी नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की थी. इसी के बाद से मुकुल रॉय की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी.