जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भाजपा सरकार की घोर लापरवाही, राजनैतिक उदासीनता, जीर्ण-क्षीर्ण स्वस्थ्य व्यवस्था और गोरखपुर के बीo आरo डीo मेडिकल कॉलेज में चरमराती सेवायें, यूo पीo की जनता के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ कर रही है है। गोरखपुर, झारखण्ड, राजस्थान, छत्तीसगढ़- सभी भाजपा शासित राज्यों में अबोध बच्चो की मौतें हो रही है।
आर.पी.एन सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी ने सत्ता पाने के पहले का जो वायदा किया था, लगता है वैसा ही “गुजरात मॉडल” वह अब पूरे देश में लागू होगा । देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि इतनी दुखद घटनाएँ और दर्दनाक घटनाएँ सामने आ रही हैं बच्चों की दुखद, दर्दनाक और जिस तरह मौतें नहीं ..हत्याएँ हो रही हैं, तमाम भारतीय जनता पार्टी के राज्यों में, इससे बड़ा कालादिन देश के लिए क्या हो सकता है?`
सिंह ने कहा कि जमशेदपुर अस्पताल में, जो सबसे बड़ा मेडिकल कालेज झारखंड का है, MGM अस्पताल, वहाँ पिछले 4 महीनों में 164 बच्चों की मौत हुई है और पिछले महीने में 60 बच्चों का देहांत हुआ है। झारखंड़ के मुख्यमंत्री जमशेदपुर से आते हैं, वहाँ पर ये मौतें हो रही हैं। गोरखपुर में वहाँ सेभाजपा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आते हैं। जब ये हालात मुख्यमंत्री के ग्रह जनपदों में हैं तो आप समझ सकते हैं कि इन पूरे प्रांतों में क्या हो रहा है। आज ही खुलासा हुआ है कि रांची में जो सबसे बड़ा RIMS अस्पताल है, सरकारी अस्पताल है, 28 दिनों में 133 बच्चों की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में बच्चों की मौत हो रही है लेकिन एक शब्द सीएम रघुवर दास अभी तक इन घटनाओं के बारे में नहीं बोला है, कोई बयान नहीं आया है। जमशेदपुर उनका ग्रह जनपद है और अभी तक वो अस्पताल तक नहीं पहुँचे हैं। ये बच्चों की हत्यारी सरकार कबतक इन चीजों का संज्ञान लेगी?
जमशेदपुर के अंदर जो एमजीएम अस्पताल हैं, वहाँ पर 6 इंक्यूबेटर हैं, जिनमें से 2 काम ही नहीं कर रहे हैं, जो जच्चा बच्चा विभाग में वेंटिलेटर बच्चों के लिए हैं, उसमें से 2 काम ही नहीं कर रहे हैं, 36लाख रुपए की कमी के वजह से। एमजीएम अस्पताल में बच्चों के लिए पैसे चाहिएं, वो अभी तक जारी नहीं किए गए हैं।झारखंड की सरकार कहती है कि कुपोषण की वजह से बच्चों का देहांत हो रहा है।
जमशेदपुर में कांग्रेस ने प्रदर्शन शुरु किए हैं। हमारे नेताओं ने NHRC को पत्र लिखा और उसका संज्ञान लेते हुए NHRC ने तत्काल चीफ सेक्रेटी से 6 हफ्तों में जवाब तल्ब किया है। इस बड़ी घटनाको जमशेदपुर में देखते हुए हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। जो झारखंड में देखा गया जो इनक्यूबेटर होता है, एक इनक्यूबेटर में एक ही बच्चे को डाला जाता है, क्या ये मोदी जी का New India है? लेकिन एक ही इनक्यूबेटर में 3-3बच्चों को डाला जा रहा है। हमने एफ.आई.आर परसों ही फाईल कर दिया था।
उन्होंने कहा कि पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत गोरखपुर के BRD कॉलेज में हुई है। वहाँ पर मौतें नहीं, हत्याओं को सिलसिला जारी है। ये हत्या नहीं तो और क्या है, मैं समझ सकता हूं इससे बड़ा पाप और क्या होगा? वहाँ पर जैसे कि आप सबने देखा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से 64 बच्चों कादेहांत हुआ था, जांच के लिए हमने मांग की, तमाम मुद्दे हमने वहाँ पर उठाए, परंतु लिपापोती करके किसी ने भी वहाँ पर कोई कार्यवाही नहीं की।
उसी तरह से राजस्थान के बांसवाड़ा में 80 बच्चों की मौत हुई है। आज आपके ही टेलिविजन चैनलों के द्वारा पूरे देश ने देखा कि डॉक्टर राजस्थान में लड़ रहे हैं और एक गर्भवती महिला इमरजेंसी वार्ड में है। छत्तीसगढ़ में हमने देखा कि ऑक्सीजन की कमी से कैसे बच्चों का देहांत हुआ औरझारखंड में जो हो रहा है, वो सचमुच में दर्दनाक है।
कांग्रेस नेता राजब्बर ने कहा कि गोरखपुर में हुई इस निर्मम हत्याओं की सीधी जवाबदेही आदित्यनाथ सरकार की बनती है, और उन्ही अब अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ अपने इलाके गोरखपुर में 500 बेड का नया आलीशान सुपर -स्पेशलिटी अस्पताल, अपनी संस्था के नाम पर बनवाना चाहते है और सरकारी बीo आरo डीo अस्पताल की साख पर बट्टा लगवाना चाहते है।
मीडिया के मित्रो ने कई बार इसको उजागर किया है, की किस तरह से बीo आरo डीo अस्पताल में खुलेआम डॉक्टर प्राइवेट क्लिनिक चला रहें है। यह अत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले बच्चो की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद, योगी सरकार ने अपनी लापरवाही का प्रदर्शन किया है, और उस त्रासदी से कोई सबक नहीं लिया।
योगी आदित्यनाथ में आज एक बहुत ही निंदनीय बयान दिया है| उन्होंने उत्तर प्रदेश के करोड़ों माता-पिता को यह चेतावनी दी है की सरकार उनके बच्चों का अब ख्याल नहीं रखेगी। उन्होंने कहा है की “मुझे लगता है कहीं ऐसा ना हो, लोग अपने बच्चे, जैसे ही 2 साल के हो, सरकार के भरोसे छोड़ दें, सरकार उनका पालन-पोषण करें” । अहंकारी आदित्यनाथ यदि नहीं जानते ‘कलेजे के टूकड़े’ को खोने का ग़म, शब्दों के बाण से तो न बींधें माँ-बाप का मन।
शर्मनाक है ऐसी बयानबाज़ी।
एक तरफ तो कांग्रेस शासित संप्रंग सरकार ने स्वास्थय सुरक्षा के लिए “राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन” की शुरुवात की थी, जिसके अंतर्गत लाखों स्वास्थय सेविकाओं को प्राथमिक ग्रामीण स्वास्थय की जिमेदारी दी थी। 6 नये AIIMS खोले थे, ‘नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम’ और इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना लागू की थी, दुसरी तरफ मोदी सरकार है, जो देश की स्वास्थय सेवाओं के साथ एक खिलवाड़ कर रही है।
भाजपा शासित जिस भी राज्य को हम देखेंगे उसमे चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था का सच हम पाएंगे !
न तो है दवा और ऊपचार,
न ईलाज की है दरकार,
बच्चों की लाशों का अम्बार,
अहंकारी है भाजपा सरकार,
नहीं सुनती जनता की चीत्कार।
प्रधानमंत्री मोदी आये दिन ‘न्यू इंडिया ‘ का सपना दिखाते हैं , पर यह नहीं बताते की इस ‘न्यू इंडिया ‘ में रोगियों और पीड़ितों कोई जगह नहीं है। न ही राजनैतिक लापरवाही की कोई जवाबदेही।
कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से यह गुज़ारिश करती है की वह तत्काल भाव से आदित्यनाथ जी का इस्तीफ़ा लें , और जवाबदेही तय करे।