प्रदीप शर्मा /नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अरुण जेटली के बीच आज मुलाकात हुई है. इसके बाद से कैबिनेट में फेरदल की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं के तार अब तिरुपति बालाजी से भी जुड़ गये हैं। दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार 1 सितंबर और शनिवार को तिरुपति बाला जी के दौरे पर हैं। यहां शुक्रवार को राष्ट्रपति श्री वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और श्री पद्मावती मेडिकल कॉलेज फॉर वूमेन की नयी बिल्डिंग का उद्घटान करेंगे। 2 सितंबर यानी की रविवार को दिल्ली लौटने से पहले राष्ट्रपति तिरुमाला में श्री वराहस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसलिए केन्द्रीय कैबिनेट में विस्तार या तो शनिवार शाम या फिर रविवार सुबह को हो सकता है। रविवार दोपहर बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 से 5 सितंबर तक के लिए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं को आज 31 अगस्त तब और बल मिला जब वित्त मंत्री ने पत्रकारों को कहा कि अब वो ज्यादा दिन तक रक्षा मंत्री नहीं रहने वाले हैं। बता दें कि मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद अरुण जेटली पर रक्षा मंत्रालय का भी जिम्मा है। सूत्रों के मुताबिक उनसे एक या दो मंत्रालयों का जिम्मा लेकर उनका भार कम किया जा सकता है। इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी लेकर अफवाहों का बाजार गरम है। कयास लगाये जा रहे हैं कि अमित शाह 2019 के आम चुनाव से पहले सरकार में शामिल हो सकते हैं। इस बीच अमित शाह ने कैबिनेट में फेरबदल और गुजरात चुनाव को लेकर गुरुवार 31 अगस्त को आठ केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इनमें वरिष्ठ मंत्री एवं गुजरात के चुनाव प्रभारी अरूण जेटली के अलाव केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पी पी चौधरी, जितेन्द्र सिंह, निर्मला सीतारमण शामिल हैं । बैठक में संगठन मंत्री रामलाल एवं वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।
उम्मीद जताई जा रही है कि रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी बदली जा सकती है। रेलवे में हाल ही में हुए कई दुर्घटनाओं के बाद वर्तमान रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन पीएम ने उन्हें इंतजार करने को कहा था। खबरों के मुताबिक बीजेपी गुजरात चुनाव को ध्यान में रखकर वहां के प्रभारी भूपेन्द्र यादव को सरकार में जगह दे सकती है। वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बन जाने की वजह से दो विभाग खाली हो गये थे। उस वक्त सरकार ने स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी जिम्मा सौंप दिया था। दिल्ली बीजेपी के नेता हर्षवर्धन भी इस वक्त दो मंत्रालय संभाल रहे हैं। पर्यावरण मंत्री अनिल दवे के निधन की वजह से भी पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त भार एक मंत्री को सौंपा गया था। नरेन्द्र मोदी सरकार बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए जेडीयू को तगड़ा ईनाम दे सकती है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जदयू के दो नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। नीतीश के करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और पूर्णिया से लोकसभा सांसद संतोष कुशवाहा मंत्री बनाए जाने की संभावना है।