जनजीवन ब्यूरो / गया : बिहार का चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड में कोर्ट ने आज पूर्व जदयू MLC का बेटा रॉकी को दोषी करार दिया है. सजा का ऐलान आगामी छह सितंबर को अपना फैसला सुनायेगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्पीडी ट्रायल के जरिये हुई सुनवाई के बाद 31 अगस्त को फैसला देने का निर्णय लिया गया था. एडीजे 1 सच्चिदानंद सिंह आज इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए रॉकी को दोषी करार दिया है. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी रॉकी यादव पूर्व जदयू एमएलसी मनोरमा देवी का पुत्र है.
फैसला आने से पूर्व आदित्य सचदेव की मां चंदा सचदेव ने कहा था कि मां में बहुत ताकत होती है, खुद इंसाफ कर लेती है और किसी की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन हमने इंसाफ कानून और भगवान पर छोड़ा है. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि हमने 16 महीने कैसे निकाले हैं. हम लोग अपनी जिंदगी जीने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नहीं जी पा रहे. वहीं आदित्य के पिता श्याम सुंदर सचदेव ने कहा, उनके बेटे के बोर्ड की परीक्षा तो पास कर ली थी, लेकिन जिंदगी की परीक्षा में फेल हो गया. अगर वह जिंदा होता तो यह हमारे लिए एक खुशी का पल होता है लेकिन अब तो कहने के लिए कुछ नहीं है.
इस मामले में एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राॅकी यादव उर्फ राकेश रंजन, राॅकी के चचेरे भाई टेनी यादव व अंगरक्षक राजेश कुमार को मुख्य आरोपित बनाया गया था. वहीं जांच के दौरान घटना से जुड़े साक्ष्यों को छुपाने के आरोप में राॅकी के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव को भी आरोपित बनाया गया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर लगभग 32 लोगों की गवाही हुई. जबकि बचाव पक्ष की ओर से किसी ने गवाही नहीं दी. इस मामले में अभी तक 50 से अधिक सुनवाई भी हो चुकी है. राॅकी यादव को छोड़ कर सभी आरोपित जमानत पर हैं. राॅकी फिलहाल गया सेंट्रल जेल में बंद है.
स्वराजपुरी रोड का रहने वाला आदित्य सचदेवा सात मई 2016 को अपने चार दोस्तों अंकित, आयुष, कैफी व नासिर के साथ कार से बोधगया गया था. देर शाम लौटने के क्रम में एक लैंडरोवर गाड़ी उनकी गाड़ी के पीछे थी. लैंडरोवर का चालक लगातार साइड मांग रहा था. इसी क्रम में आदित्य की कार पुलिस लाइन रोड की ओर मुड़ी. पीछा से आ रहा लैंडरोवर कार का चालक भी उसी तरफ प्रवेश कर गयी. लैंडरोवर में सवार लोगों ने आदित्य की कार को रूकवा दिया व उसके दोस्तों के साथ मारपीट शुरू दी.
आदित्य समेत उसके दोस्त डर गये और गाड़ी भगाने का प्रयास किया. इस क्रम में पीछे से गोली चली, जो कार के पिछले शीशे को छेदते आदित्य के सिर में लगी. उसे दोस्तों ने मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में भरती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इस मामले में मृत आदित्य के भाई आकाश सचदेवा ने कार में सवार भाई के दोस्तों के बयान पर राॅकी यादव, टेनी यादव व राजेश यादव के खिलाफ रामपुर थाने में एफआइआर दर्ज करायी. इसमें उसने बताया कि राॅकी यादव ने साइड नहीं मिलने पर आदित्य व उसके दोस्तों के साथ मारपीट की और गोली चलायी.
चश्मदीद गवाह हो गये हैं होस्टाइल
आदित्य की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह उसके चार दोस्त आयुष, अंकित, कैफी व नासिर होस्टाइल हो गये हैं. इन लोगों ने अदालत में सुनवाई के दौरान किसी भी आरोपित को पहचानने से इनकार कर दिया था, जबकि सुनवाई शुरू से पहले न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आरआर सिंह की अदालत में दिये गये धारा 164 के तहत बयान में इन लोगों ने आदित्य की हत्या में राॅकी यादव का नाम लिया था. बाद में अनुसंधान के दौरान इस मामले में टेनी यादव व राजेश कुमार के भी नाम सामने आ गये. सुनवाई शुरू हो जाने के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश नवम सुरेश प्रसाद मिश्र की अदालत में गवाही के दौरान यह लोग होस्टाइल हो गये.