जनजीवन ब्यूरो / पंचकूला । डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हिंसा की जांच कर विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बड़ा खुलासा किया है। पंचकूला हिंसा में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े आदित्य इंसा, हनीप्रीत इंसा और सुरिंदर धीमान इंसा के शामिल होने की बात सामने आ रही है। बुधवार को एसआईटी ने जानकारी दी है कि रेप के मामले में सीबीआई कोर्ट से राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा ने हिंसा भड़काने के लिए 5 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि डेरा की पंचकूला शाखा के हेड चमकौर सिंह को डेरा प्रबंधन ने पैसा खर्च करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पंजाब के मोहाली जिले के ढकोली गांव का रहने वाला चमकौर देशद्रोह का केस दर्ज होने के बाद से अपने परिवार समेत फरार चल रहा है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश के बाद उसके खिलाफ 28 अगस्त को देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है।
एसआईटी की जांच के मुताबिक पंचकूला के अलावा पंजाब के कई इलाकों में भी सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को उकसाने के लिए डेरा ने पैसा खर्च किया था। सूत्रों के मुताबिक डेरा के अनुयायियों को भरोसा दिया गया था कि हिंसा के दौरान जान जाने पर उनके परिजनों को आर्थिक मदद दी जाएगी।
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू का कहना है, ‘चमकौर की गिरफ्तारी के बाद हमें इस मामले में और डीटेल पता चलेगी। हमारी टीम उसके छिपने के संभावित ठिकानों पर छापे मार रही हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा को समर्थन देने वाले कुछ और लोग पुलिस के रेडार पर हैं। डीजीपी ने कहा, ‘इस मामले में एक हॉर्टिकल्चर वैज्ञानिक भी संदेह के घेरे में है। हमें पता चला है कि उसने भी हिंसा भड़काने में पैसे की मदद पहुंचाई थी।’
साध्वियों से रेप के मामले में राम रहीम के खिलाफ फैसला आने से पहले ही 23 अगस्त से डेरा के समर्थक पंचकूला में इकट्ठा होने लगे थे। हरियाणा पुलिस के मुताबिक सुरिंदर धीमान इंसा, चमकौर और कुछ स्थानीय लोगों ने सामुदायिक रसोई का प्रबंध करते हुए डेरा अनुयायियों के लिए लंगर चलाया था।
पुलिस का कहना है कि पंचकूला सीबीआई कोर्ट के आस-पास डेरा की गतिविधियों की निगरानी के अलावा चमकौर सिंह, नाम चर्चा घर और सेक्टर-5 में भी सक्रिय था, जो 24 अगस्त को हुई हिंसा का केंद्र था। पंचकूला हिंसा में 32 लोगों की मौत हुई थी।