जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की सालगिरह पर ऊर्जा, कोयला और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले एक सालों में हमारी सरकार ने जिन उपलब्धियों को हासिल किया है उससे लगता है कि आने वाले 4 सालो में हम अपने लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारो पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए गोयल ने कहा कि बिजली खरीदने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखने के बावजूद राज्य सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठा रही हैं। गोयल ने एक बार फिर प्रतिबद्धता जताई कि अगले पांच साल में हर परिवार को 24 घंटे बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमें बिरासत में जो समस्याएं मिली उसे बहुत हद तक ठीक कर दिया गया है। पीयूष ने कहा कि हमने तीनों मंत्रालयों में पारदर्शिता और नौकरशाही को खत्म करने को बहुत महत्ता दी है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पावर डिफिसिट एक साल में सबसे कम 3.6 फीसदी पर आ गया है। जबकि इस दौरान अतिरिक्त उत्पादन क्षमता 22,566 मेगावाट हो गई है।
एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि बिजली उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भरपूर कोयला उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं बिजली खरीदने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। राज्य सरकार केंद्र सरकार पर आरोप नहीं लगा सकती है।
गोयल ने कहा कि आने वाले समय में भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व के सामने एक उदाहरण बनकर उभरेगा । हर घर में एलईडी बल्ब लगाकर 27 हजार मेगावॉट ऊर्जा बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में सभी तरह के बल्ब की जगह एलईडी बल्ब ले लेगा। इससे कार्बन डाइऑक्साइड में भारी कमी आएगी और हमारा पर्यावरण सुरक्षित होगा।
गोयल ने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण को लेकर सरकार संकल्पित है । देश के सभी गांवों तक 24 घंटे बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है । इस साल विद्युत उत्पादन में 8.4 फीसद वृद्धि हुई है । उन्होंने कहा कि इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय प्रदेश सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। गोयल ने कहा कि हम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक-युवतियों को सोलर व्यवसाय से जोड़ने को लेकर भी तेजी से काम कर रहे हैं। कोयला मंत्रालय में पिछले एक साल में किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए गोयल ने कहा कि कोयले की नीलामी से 3.35 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए और इसे उत्पादक पूर्वी राज्यों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन को आने वाले समय में 60 से 150 करोड़ टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। भारत को कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पिछले 23 वर्षों में कोयला उत्पादन में इस वर्ष सर्वाधिक 8.3 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। गोयल ने नवीन एवं अक्षय ऊर्जा की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए 38 हजार करोड़ रुपये से हरित ऊर्जा कोरिडोर की स्थापित किया जा रहा है। लगभग 100 मेगावॉट के 25 सोलकर पार्क बनाने की योजना है। उन्होेंने कहा कि मंत्रालय ने सामाजिक सरोकार के तहत 2250 करोड़ रुपये की लागत से स्कूलों में सवा लाख शौचालय निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
गोयल ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार मुक्त काम हुआ है। ट्रांसमिशन लाइन की क्षमता में भी एक साल में सबसे अधिक 22,100 सर्किट किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। 66554 मेगावाट की सब-स्टेशन में भी सबसे अधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पावर डिफिसिट देश के इतिहास में सबसे कम 3.6 फीसदी पर आ गया है। सरकार पुराने प्लांटों को अल्ट्रा मेगापावर प्लांट में अपग्रेड करने की दिशा में काम कर रही है।
ऊर्जा मंत्री गोयल ने कहा कि चालू वर्ष में सब-ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर 1.09 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसके साथ ही बिडिंग के जरिए 1 लाख करोड़ रुपए के नई ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट जारी किए जाएंगे। गोयल ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी की उत्पादन क्षमता पांच गुनी कर 2022 तक 1.75 लाख मेगावाट करने की तैयारी है। वहीं पांच यूएमपीपी से कुल 20 हजार गेवाट क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके अलावा ठप पड़े गैस प्लांटों को दोबारा शुरू कराकर सरकार पीक ऑवर में बिजली की कमी को कम करेगी।
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 56 दिनों में 60 नए कोयला खदानें खोली जाएंगी। इस अवधि में कोल इंडिया का उत्पादन सालाना आधार पर 11.7 फीसदी बढ़ा है। कोल इंडिया ने 3.2 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन किया है और 2020 तक कोल इंडिया की उत्पादन क्षमता 10 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है।
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि क्लीन एनर्जी को सरकार बढ़ावा दे रही है। इसके तहत 100-100 मेगावाट के 25 सोलर पार्क विकसित करने की योजना है। रिन्यूएबल एनर्जी ट्रांसमिशन के लिए 38000 करोड़ रुपए की लागत से ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर स्थापित किए जाएंगे।