जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल सरकार के अहंकार के बीच दिल्ली की जनता पिस रही है। केंद्र जहां केजरीवाल को दोषी ठहरा रहा है वहीं केजरीवाल केंद्र सरकार को। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगान ।
इस बीच, दिल्ली में अधिकारों के टकराव को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय पहुंचकर गृह सचिव एल सी गोयल से मुलाकात की। दोनों के बीच गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर आगे के रुख समेत कई प्रशासनिक मुद्दों पर लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।
उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार को तानाशाह करार दिया है । उन्होंने केन्द्र पर देश को तानाशाही की ओर ले जाने का आरोप लगाया और सभी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से केंद्र सरकार के विरूद्ध आवाज बुलंद करने की अपील भी की।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर उपराज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से दिल्ली की आम आदमी पार्टी को विफल करने का आरोप लगाते हुये कहा कि ऐसा करके वह एक तरह से प्रयोग कर रही है जिसे वह बाद में अन्य राज्यों में अपना सकती है।
उन्होंने भाजपा पर देश को तानाशाही की ओर ले जाने का आरोप लगाते हुए देश के सभी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों के एकजुट होकर केंद्र के विरूद्ध आवाज उठाने की अपील करते हुए कहा कि आज जो उनके साथ हो रहा है वह कल उनके साथ हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे। वह दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे जो दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के अधिकारों को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना पर विचार करने के लिए बुलाया गया था।
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि वे उप राज्यपाल के माध्यम से दिल्ली की सरकार को फेल करने का षड्यंत्र कर रहे हैं जिसे वह कतई स्वीकार नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लड़ाई नहीं चाहते और सहयोग से काम करना चाहते हैं लेकिन जनता के हितों पर वार किया जाएगा तो उससे निपटना उन्हें आता है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें चुना है और हमें उनसे किए गए वादों को पूरा करना है।
यदि किसी विधायक के क्षेत्र में बिजली पानी नहीं आता है तो प्रधानमंत्री या उप राज्यपाल उपलब्ध नहीं कराएंगे। यह काम हमें ही करना है। वैसे भी दिल्ली की जनता ने मोदी और भाजपा पर भरोसा नहीं किया तभी विधानसभा में वह तीन पर सिमट गई।
यह भी पढ़ें
केंद्र सरकार अनुच्छेद 355 के इस्तेमाल की तैयारी में